Waqf Amendment Act : भारत की सर्वोच्च अदालत ने गुरुवार को वक्फ संशोधन अधिनियम को लेकर एक अहम सुनवाई की। इस दौरान सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को सात दिनों का समय दिया है, ताकि वह इस मामले में अपना जवाब दाखिल कर सके। साथ ही, कोर्ट ने स्पष्ट निर्देश दिए कि जवाब दाखिल होने तक केंद्रीय वक्फ परिषद और वक्फ बोर्ड में कोई नई नियुक्ति नहीं होगी।
यह फैसला वक्फ अधिनियम के खिलाफ दायर 70 से अधिक याचिकाओं के मद्देनजर आया है, जिनमें से एक याचिका ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने भी दायर की है। यह मुद्दा न केवल कानूनी, बल्कि सामाजिक और राजनीतिक दृष्टिकोण से भी बेहद संवेदनशील है।
असदुद्दीन ओवैसी की प्रतिक्रिया
सुप्रीम कोर्ट के इस अंतरिम आदेश पर एआईएमआईएम सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने कड़ा रुख अपनाया है। उन्होंने केंद्र सरकार पर वक्फ को कमजोर करने का आरोप लगाया और इसे संघवाद के खिलाफ बताया। ओवैसी ने कहा कि यह कानून वक्फ की संपत्तियों को नष्ट करने के लिए लाया गया है और यह असंवैधानिक है, क्योंकि यह नागरिकों के मौलिक अधिकारों का हनन करता है।
उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी और ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड इस कानून के खिलाफ अपनी कानूनी और सामाजिक लड़ाई जारी रखेंगे। ओवैसी ने इस कानून में शामिल 40-45 संशोधनों को लेकर चिंता जताई और इसे वक्फ को खत्म करने की साजिश करार दिया।
“यह हक की लड़ाई है”
एक निजी न्यूज चैनल से बातचीत में ओवैसी ने कहा, “जो दूध का जला होता है, वह छाछ भी फूंक-फूंककर पीता है। यह हमारी हक की लड़ाई है।” उन्होंने केंद्र सरकार के उस नियम पर सवाल उठाए, जिसमें कहा गया है कि वक्फ संपत्ति का दावा करने के लिए पांच साल तक इस्लाम का पालन करने वाला व्यक्ति होना चाहिए। ओवैसी ने तंज कसते हुए पूछा, “यह कौन तय करेगा कि कोई मुस्लिम है या नहीं? क्या मेरी दाढ़ी लंबी होनी चाहिए या मुझे बाबा की तरह क्लीन शेव करना होगा? खासकर महिलाओं के मामले में यह कैसे तय होगा?” उन्होंने इस नियम को संघवाद को कमजोर करने वाला बताया और बीजेपी को चुनौती दी कि वे उनके दावों को गलत साबित करें।
वक्फ संपत्तियों पर खतरा?
ओवैसी ने यह भी आरोप लगाया कि केंद्र सरकार लिमिटेशन एक्ट के जरिए वक्फ संपत्तियों पर कब्जा करने वालों को मालिक बनाने की योजना बना रही है। उन्होंने कहा कि यह कानून वक्फ को बचाने के लिए नहीं, बल्कि उसे खत्म करने के लिए है। ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के विरोध को समर्थन देते हुए ओवैसी ने कहा कि उनकी लड़ाई तब तक जारी रहेगी, जब तक यह कानून रद्द नहीं हो जाता।
सुप्रीम कोर्ट का यह अंतरिम आदेश इस मामले में एक महत्वपूर्ण कदम है। अगले सात दिनों में केंद्र सरकार का जवाब इस मामले की दिशा तय करेगा। वक्फ संशोधन अधिनियम को लेकर देशभर में बहस छिड़ी हुई है, और यह मुद्दा न केवल कानूनी, बल्कि धार्मिक और सामाजिक दृष्टिकोण से भी लोगों के बीच चर्चा का विषय बन गया है। ओवैसी और उनकी पार्टी इस मुद्दे पर अपनी आवाज को और बुलंद करने की तैयारी में हैं।