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Kala Dhaga Bandhane Ke Niyam : शरीर के इस हिस्से में काला धागा बांधने से मिलती है अपार खुशियां, जरूर जानिए

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Kala Dhaga Bandhane Ke Niyam : आज के इस आधुनिक दौर में भी कुछ परंपराएं और रिवाज ऐसे हैं, जो लोग बिना सोचे-समझे दूसरों को देखकर अपना लेते हैं। ऐसा ही एक ट्रेंड इन दिनों युवाओं के बीच देखने को मिल रहा है, जिसमें वे अपने पैर में काला धागा बांधते हैं।

कुछ लोग इसे फैशन या ट्रेंड का हिस्सा मानकर पहनते हैं, तो कुछ का मानना है कि यह उन्हें बुरी नजर से बचाता है और सुरक्षा देता है। लेकिन क्या आपने कभी सोचा कि काला धागा शरीर के किस हिस्से में बांधना सही होता है और इसके पीछे का असली मतलब क्या है?

आज हम आपको इसके बारे में विस्तार से बताएंगे ताकि आप इसे सही तरीके से समझ सकें और इसका सही लाभ उठा सकें।

काले धागे का धार्मिक महत्व क्या है?

हमारे सनातन धर्म में काला धागा सिर्फ एक धागा नहीं, बल्कि एक रक्षा सूत्र माना जाता है। यह नकारात्मकता और बुरी शक्तियों से हमारी रक्षा करता है। लेकिन इसे गलत जगह पर बांधने से फायदे की जगह नुकसान भी हो सकता है।

माना जाता है कि पैरों में काला धागा बांधने से अशुभता बढ़ सकती है और शनि ग्रह की स्थिति पर भी बुरा असर पड़ सकता है।

इसलिए इसे बांधते वक्त सावधानी बहुत जरूरी है। साथ ही, इसे कभी भी खाली नहीं पहनना चाहिए। अगर आप इसे किसी लॉकेट या मंत्र के साथ पहनते हैं, तो इसका प्रभाव और भी बढ़ जाता है।

शरीर के किस हिस्से में बांधें काला धागा?

बुरी नजर और नकारात्मक ऊर्जा से बचने के लिए लोग अपने परिवार के सदस्यों को काला धागा बांधते हैं। लेकिन बिना जानकारी के इसे कहीं भी बांध लेना ठीक नहीं। ज्योतिष शास्त्र के जानकारों का कहना है कि काला धागा कमर में बांधना सबसे शुभ और प्रभावी माना जाता है।

कमर में इसे बांधने से न सिर्फ सेहत अच्छी रहती है, बल्कि बीमारियां भी दूर रहती हैं। इतना ही नहीं, अगर आपके ग्रह कमजोर चल रहे हैं, तो वे भी मजबूत होने लगते हैं।

अगर आप इसे और शुभ बनाना चाहते हैं, तो इसे हनुमान जी या शनि देव के चरणों में चढ़ाकर पहनें। इससे इसके फायदे कई गुना बढ़ जाते हैं।

काले धागे के फायदे क्या हैं?

काला धागा पहनने के कई फायदे हैं, जो इसे खास बनाते हैं। यह नकारात्मकता और बुरी नजर से हमारी रक्षा करता है। अगर शरीर में कोई नकारात्मक ऊर्जा मौजूद हो, तो यह उसे बाहर निकालने में मदद करता है।

खास तौर पर कमर में इसे बांधने से शरीर लंबे समय तक स्वस्थ रहता है और छोटी-मोटी परेशानियां पास नहीं आतीं। यह एक साधारण सा धागा नहीं, बल्कि हमारी सुरक्षा का एक मजबूत कवच है।

काला धागा कब और कैसे उतारें?

काला धागा आप तब तक पहन सकते हैं, जब तक यह अपने आप टूट न जाए। यह टूटना इस बात का संकेत होता है कि इसने अपनी भूमिका पूरी कर ली है।

जब यह टूट जाए, तो इसे सम्मान के साथ पीपल के पेड़ के नीचे रख दें। इसे फेंकना या गलत जगह पर छोड़ना ठीक नहीं माना जाता। इस तरह आप इसके प्रभाव को सही तरीके से बनाए रख सकते हैं।

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