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1 मार्च से शुरू होगा उत्तराखंड का सबसे बड़ा जनजातीय उत्सव, 3 दिन का होगा सांस्कृतिक धमाका

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देहरादून : उत्तराखंड के सांस्कृतिक रंगों को एक मंच पर सजाने के लिए उत्तराखंड राज्य जनजातीय महोत्सव 2025 का आगाज 1 मार्च से होने जा रहा है। राज्य जनजातीय शोध संस्थान (टीआरआई) की ओर से आयोजित यह शानदार महोत्सव 1 से 3 मार्च तक देहरादून के परेड ग्राउंड में होगा।

इस उत्सव का उद्घाटन उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी करेंगे, जबकि कार्यक्रम की अध्यक्षता राजपुर के विधायक खजान दास करेंगे। यह आयोजन न सिर्फ जनजातीय संस्कृति का उत्सव है, बल्कि भारत की समृद्ध विरासत को जीवंत करने का एक सुनहरा मौका भी है।

तीन दिनों तक चलने वाला यह महोत्सव जनजातीय परंपराओं, कला और जीवनशैली का अनूठा संगम लेकर आएगा। पारंपरिक नृत्य, लोक संगीत, हस्तशिल्प प्रदर्शनियां और जनजातीय प्रदर्शनियां यहां मुख्य आकर्षण होंगी। दर्शकों को भारत की विविध जनजातीय संस्कृति का ऐसा नजारा देखने को मिलेगा, जो उनकी आंखों और दिल को छू लेगा।

हर दिन सुबह 11 बजे से रात 9:30 बजे तक प्रदर्शनियों में पारंपरिक शिल्प, वस्त्र और कलाकृतियों की झलकियां देखने का मौका मिलेगा, जो स्वदेशी कारीगरों की मेहनत को सम्मान देगा।

मुख्यमंत्री के अपर सचिव एस.एस. टोलिया ने इस महोत्सव को खास बताते हुए कहा, “यह सिर्फ एक आयोजन नहीं, बल्कि हमारी आदिवासी संस्कृति को गर्व के साथ पेश करने का मंच है। यह समाज में जनजातीय परंपराओं के प्रति जागरूकता बढ़ाने और उनके योगदान को सम्मान देने का प्रयास है।” इस उत्सव में मशहूर लोक कलाकार जैसे श्वेता महारा, नरेश बादशाह, किशन महिपाल, रोहित चौहान, सनी दयाल और जितेंद्र तोमक्याल अपनी कला से दर्शकों का मन मोह लेंगे।

टीआरआई उत्तराखंड के समन्वयक राजीव कुमार सोलंकी ने बताया, “यह महोत्सव संस्कृति प्रेमियों, कलाकारों और शोधकर्ताओं के लिए जनजातीय परंपराओं से जुड़ने का एक शानदार अवसर है। यह स्वदेशी कारीगरों को प्रोत्साहित करने और उनकी प्रतिभा को दुनिया तक पहुंचाने का जरिया बनेगा।” यह आयोजन उत्तराखंड की जनजातीय भावना और भारत की सांस्कृतिक धरोहर को सेलिब्रेट करने का एक यादगार अनुभव देगा।

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