देहरादून : गुरुवार को उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से एकल सदस्यीय समर्पित आयोग के अध्यक्ष बी.एस. वर्मा ने मुख्यमंत्री आवास स्थित मुख्य सेवक सदन में मुलाकात की। इस दौरान श्री वर्मा ने राज्य के ग्रामीण स्थानीय निकायों में अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC) के लिए आरक्षण और प्रतिनिधित्व सुनिश्चित करने हेतु अपनी तीसरी रिपोर्ट सौंपी।
यह रिपोर्ट शेष 12 जनपदों के लिए तैयार की गई है, जिसमें पंचायती राज व्यवस्था के तहत ओबीसी समुदाय के पिछड़ेपन की गहन जांच और उसके प्रभावों का आकलन किया गया है। यह अध्ययन समकालीन और अनुभवजन्य तरीकों से किया गया, ताकि स्थानीय निकायों में ओबीसी को उचित हिस्सेदारी मिल सके।
इससे पहले, आयोग ने 14 अगस्त 2022 को हरिद्वार जनपद के लिए अपनी पहली रिपोर्ट प्रस्तुत की थी। पहली रिपोर्ट (हरिद्वार) और तीसरी रिपोर्ट (शेष 12 जनपद) में त्रिस्तरीय पंचायत व्यवस्था के विभिन्न पदों पर ओबीसी के लिए आरक्षण की सिफारिश की गई है।
इसमें जिला पंचायत अध्यक्ष के 13 पद, जिला पंचायत वार्ड के 358 स्थान, क्षेत्र पंचायत प्रमुख के 89 पद, क्षेत्र पंचायत वार्ड के 2974 स्थान, ग्राम पंचायत प्रधान के 7499 पद और ग्राम पंचायत वार्ड के 55589 स्थान शामिल हैं। ये सिफारिशें वर्ष 2011 की जनगणना के आधार पर की गई हैं, जो ओबीसी समुदाय के लिए समुचित प्रतिनिधित्व सुनिश्चित करती हैं।
इस मौके पर कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज और गणेश जोशी, राज्यसभा सांसद नरेश बंसल, विधायक खजानदास, सविता कपूर और बृजभूषण गैरोला मौजूद रहे। इसके अलावा, पंचायतीराज सचिव चन्द्रेश यादव, निदेशक पंचायतीराज निधि यादव, अपर सचिव पन्ना लाल शुक्ला, संयुक्त सचिव डी.एस. राणा, उप निदेशक मनोज कुमार तिवारी और आयोग के सुबोध बिजल्वाण भी उपस्थित थे। यह रिपोर्ट ओबीसी समुदाय के लिए निष्पक्ष और पारदर्शी प्रतिनिधित्व सुनिश्चित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।