केंद्र सरकार कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) के निवेश नियमों में बड़े बदलाव पर विचार कर रही है। इसका उद्देश्य PF खाताधारकों को शेयर बाजार (Share Market) की अस्थिरता से बचाते हुए उन्हें हर साल स्थिर ब्याज दर प्रदान करना है। सरकार ‘ब्याज स्थिरीकरण रिजर्व फंड’ बनाने की योजना पर काम कर रही है, जिससे EPFO के 6.5 करोड़ से अधिक सदस्य बाजार जोखिम से सुरक्षित रह सकें।
PF खाताधारकों को मिलेगा स्थिर ब्याज, फंड रिजर्व बनाने की तैयारी
EPFO अपने निवेश पोर्टफोलियो को और सुरक्षित करने के लिए नए रिजर्व फंड की स्थापना पर विचार कर रहा है। श्रम एवं रोजगार मंत्रालय के निर्देशन में एक टीम इस प्रस्ताव पर अध्ययन कर रही है। एक अधिकारी के अनुसार, इस फंड के जरिए हर साल अर्जित ब्याज से अधिशेष राशि अलग रखी जाएगी, जिसे ब्याज दर में कमी आने पर इस्तेमाल किया जाएगा। इससे खाताधारकों को हर साल समान ब्याज दर मिलेगी और उन्हें बाजार के उतार-चढ़ाव की चिंता नहीं करनी पड़ेगी।
EPFO रिजर्व फंड कैसे करेगा काम?
- ब्याज स्थिरीकरण रिजर्व फंड का निर्माण: EPFO अपने निवेश से होने वाली अतिरिक्त आय का एक हिस्सा अलग रखेगा, जिससे भविष्य में ब्याज दर में संभावित गिरावट को संतुलित किया जा सके।
- निवेश पोर्टफोलियो में स्थिरता: EPFO एक्सचेंज ट्रेडेड फंड (ETF) और अन्य निवेशों में होने वाले उतार-चढ़ाव को कम करने की रणनीति अपना रहा है।
- PF खाताधारकों के लिए सुरक्षा: इस योजना से EPFO ग्राहक लंबे समय तक एक स्थिर ब्याज दर का लाभ उठा सकेंगे, भले ही बाजार में भारी उथल-पुथल हो।
कब तक लागू होगी नई योजना?
अभी यह प्रस्ताव शुरुआती चरण में है और इस पर गहन अध्ययन चल रहा है। माना जा रहा है कि 2024 के अंत तक इसे अंतिम रूप दिया जा सकता है। इसके बाद EPFO के सेंट्रल बोर्ड ऑफ ट्रस्टीज (Central Board of Trustees) की मंजूरी मिलने पर इसे 2026-27 तक लागू किया जा सकता है।
EPFO ब्याज दरों का इतिहास: कब मिला सबसे ज्यादा ब्याज?
- 1952-53: EPFO ने 3% की ब्याज दर से शुरुआत की थी।
- 1989-90: PF खाताधारकों को अब तक की सबसे ऊंची 12% ब्याज दर मिली।
- 2001-02: ब्याज दर घटकर 9.5% हो गई।
- 2005-06: यह और गिरकर 8.5% पर आ गई।
- 2010-11: ब्याज दर फिर से बढ़ाकर 9.5% कर दी गई।
- 2021-22: ब्याज दर 8.10% के निचले स्तर पर पहुंच गई।
सरकार के इस कदम से क्या होगा फायदा?
- PF खाताधारकों को हर साल स्थिर ब्याज मिलेगा।
- शेयर बाजार के उतार-चढ़ाव का सीधा असर ब्याज दरों पर नहीं पड़ेगा।
- EPFO का निवेश पोर्टफोलियो अधिक सुरक्षित होगा।
- दीर्घकालिक वित्तीय स्थिरता सुनिश्चित होगी।
सरकार का यह प्रस्ताव EPFO ग्राहकों के लिए एक बड़ी राहत साबित हो सकता है। हालांकि, यह देखना दिलचस्प होगा कि कब तक इसे लागू किया जाता है और इसका बाजार पर क्या प्रभाव पड़ता है।