संसद में प्रश्नकाल के दौरान वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Finance Minister Nirmala Sitharaman) ने गोल्ड लोन से संबंधित चिंताओं को साझा किया। डीएमके नेता कनिमोझी करुणानिधि के एक सवाल के जवाब में उन्होंने बताया कि मार्च 2024 से जून 2024 के बीच देश के शेड्यूल्ड कमर्शियल बैंकों (SCB) और अपर एवं मिड-लेवल एनबीएफसी (NBFC) में गोल्ड लोन एनपीए में 18.14% की वृद्धि दर्ज की गई है।
इतना ही नहीं, एससीबी में ग्रॉस गोल्ड लोन एनपीए (Gross Gold Loan GNPA in SCB) इसी अवधि में 21.03% तक बढ़ गया। 30 जून 2024 तक, एससीबी में गोल्ड लोन से संबंधित एनपीए रेश्यो 0.22% था, जबकि अपर और मिड-लेवल एनबीएफसी का एनपीए रेश्यो 2.58% तक पहुंच गया। इस वृद्धि ने सरकार को सतर्क कर दिया है और वित्त मंत्री ने इस स्थिति पर कड़ी निगरानी रखने की आवश्यकता जताई है।
सोने की नीलामी प्रक्रिया पर दिया स्पष्टीकरण
गोल्ड लोन डिफॉल्ट बढ़ने के कारण सोने की नीलामी में तेजी देखी जा रही है। इसे लेकर कनिमोझी करुणानिधि ने सवाल उठाया कि क्या नीलामी प्रक्रिया में कोई अनियमितता हो रही है। इसके जवाब में वित्त मंत्री ने स्पष्ट किया कि सोने की नीलामी एक पारदर्शी प्रक्रिया के तहत की जाती है। उन्होंने बताया कि जब तक सोने का उचित मूल्यांकन नहीं किया जाता, तब तक नीलामी संभव नहीं होती।
सीतारमण ने यह भी कहा कि नीलामी किसी भी रैंडम रेट पर नहीं की जाती, बल्कि इसके लिए एनबीएफसी (NBFC) को एक बेंचमार्क रेट तय करना होता है। बीते तीन से चार महीनों में सोने की दर 80% से कम नहीं गई है, जिससे यह स्पष्ट होता है कि नीलामी में किसी भी तरह की मनमानी नहीं की जा सकती।
कौन तय करता है सोने की दर?
वित्त मंत्री ने बताया कि सोने की कीमतों का निर्धारण एनबीएफसी नहीं करते हैं। यह जिम्मेदारी बॉम्बे बुलियन एसोसिएशन (Bombay Bullion Association) की होती है, जो प्रतिदिन बाजार में सोने की कीमतों की घोषणा करता है। इससे यह सुनिश्चित होता है कि बाजार दर से कम कीमत पर सोना नहीं बेचा जाए।
नीलामी प्रक्रिया को पारदर्शी बनाए रखने के लिए सख्त नियमों का पालन किया जाता है। यदि इन नियमों का कोई उल्लंघन होता है, तो इसकी जांच की जाएगी और आवश्यक कार्रवाई की जाएगी। वित्त मंत्री ने आश्वासन दिया कि सरकार इस मुद्दे पर पूरी तरह सतर्क है और किसी भी अनियमितता को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
गोल्ड लोन एनपीए में लगातार हो रही वृद्धि चिंता का विषय बन गई है। सरकार इस पर कड़ी नजर बनाए हुए है और नीलामी प्रक्रिया को पारदर्शी बनाए रखने के लिए आवश्यक कदम उठा रही है। वित्त मंत्री ने साफ कर दिया है कि एनबीएफसी मनमाने ढंग से सोने की नीलामी नहीं कर सकते और बॉम्बे बुलियन एसोसिएशन द्वारा तय की गई दरों के आधार पर ही लेन-देन किया जाता है।