Vastu Tips: घर का मंदिर वास्तु शास्त्र के अनुसार विशेष महत्व रखता है। सही दिशा और सही तरीके से मंदिर की स्थापना करने से न केवल सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह होता है, बल्कि घर में धन-संपत्ति की भी वृद्धि होती है।
इस लेख में हम आपको घर के मंदिर से जुड़े महत्वपूर्ण वास्तु सुझाव देने जा रहे हैं।
मंदिर की दिशा का महत्व
वास्तु शास्त्र के अनुसार, घर का मंदिर हमेशा उत्तर-पूर्व दिशा (ईशान कोण) में होना चाहिए। यह दिशा अत्यधिक शुभ मानी जाती है और सकारात्मक ऊर्जा को आकर्षित करती है।
यदि यह दिशा संभव न हो, तो मंदिर को पूर्व या उत्तर दिशा में भी स्थापित किया जा सकता है।
मंदिर का स्थान कैसे चुनें?
मंदिर को जमीन पर या लकड़ी के प्लेटफॉर्म पर स्थापित करना चाहिए। ध्यान रखें कि इसे सीधे फर्श पर न रखें। रसोईघर, बाथरूम या बेडरूम जैसे स्थानों में मंदिर स्थापित करने से बचें, क्योंकि ये स्थान मंदिर के लिए उपयुक्त नहीं माने जाते।
मूर्तियों की स्थापना के लिए वास्तु नियम
मंदिर में भगवान की मूर्तियां बहुत बड़ी नहीं होनी चाहिए। लगभग 9 इंच तक की मूर्ति उपयुक्त मानी जाती है। इसके अलावा, मंदिर में टूटी हुई मूर्तियां या तस्वीरें रखने से बचना चाहिए, क्योंकि यह नकारात्मक ऊर्जा का कारण बन सकता है।
मूर्तियों और दीवार के बीच दूरी बनाए रखें
भगवान की मूर्तियों को दीवार से कुछ दूरी पर रखें ताकि उनके चारों ओर हवा का प्रवाह बना रहे। यह स्थान की शुद्धता और सकारात्मकता बनाए रखने में मदद करता है।
मंदिर की सफाई और शुद्धता
मंदिर को हमेशा साफ-सुथरा और व्यवस्थित रखना चाहिए। प्रतिदिन सुबह और शाम दीपक जलाना शुभ माना जाता है। यह वातावरण को पवित्र बनाता है और सकारात्मक ऊर्जा का संचार करता है।
रंग और सजावट का ध्यान रखें
मंदिर के लिए हल्के रंग जैसे सफेद, क्रीम या हल्का पीला रंग उत्तम माने जाते हैं। गहरे और भड़कीले रंगों का उपयोग करने से बचना चाहिए, क्योंकि ये मन को विचलित कर सकते हैं।
प्राकृतिक रोशनी और हवा का महत्व
मंदिर में प्राकृतिक रोशनी और हवा का प्रवेश होना अत्यंत आवश्यक है। धूप-दीप जलाने से भी सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है, जिससे घर का वातावरण पवित्र बनता है।
ताजा भोजन और प्रसाद अर्पित करें
भगवान को ताजा भोजन और प्रसाद अर्पित करें। बासी भोजन मंदिर में नहीं रखना चाहिए, क्योंकि यह नकारात्मक प्रभाव डाल सकता है।
पूजा के दौरान घंटा बजाने का महत्व
पूजा के दौरान घंटा बजाना और मंत्रों का उच्चारण करना शुभ माना जाता है। यह सकारात्मक ऊर्जा को आकर्षित करता है और वातावरण को पवित्र बनाता है।
घर में सुख-समृद्धि के लिए वास्तु का पालन करें
इन वास्तु नियमों का पालन करने से घर में लक्ष्मी का वास होता है और जीवन में सुख-समृद्धि बनी रहती है। सही दिशा, स्थान और शुद्धता के साथ मंदिर की स्थापना से घर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है।