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दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025 : 67 उम्मीदवारों की जमानत जब्त, क्या कांग्रेस के लिए दिल्ली में वापसी है मुश्किल?

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दिल्ली विधानसभा चुनावों में कांग्रेस को एक बार फिर तगड़ा झटका लगा है। 70 सीटों पर चुनाव लड़ने वाली कांग्रेस के 67 उम्मीदवार अपनी जमानत भी नहीं बचा सके। हालांकि, पार्टी के वोट शेयर में 2.1% का मामूली सुधार देखने को मिला है। कांग्रेस के कई बड़े नेताओं को भी करारी शिकस्त झेलनी पड़ी, लेकिन पार्टी अब भी भविष्य को लेकर आशावान है।

कांग्रेस के सिर्फ तीन उम्मीदवार बचा सके जमानत

इस चुनाव में कांग्रेस के लिए हालात कुछ खास बेहतर नहीं रहे। पार्टी के अधिकतर प्रत्याशी अपनी जमानत नहीं बचा सके और तीसरे या चौथे स्थान पर खिसक गए। हालांकि, कस्तूरबा नगर सीट से अभिषेक दत्त दूसरे नंबर पर रहने में कामयाब रहे। इसके अलावा नांगलोई जाट से रोहित चौधरी और बादली से देवेंद्र यादव ही ऐसे उम्मीदवार रहे, जिन्होंने जमानत बचा पाने में सफलता पाई। कुछ सीटों पर कांग्रेस के प्रत्याशी एआईएमआईएम के उम्मीदवारों से भी पीछे रह गए, जिनमें मुस्लिम बहुल क्षेत्र भी शामिल रहे।

कांग्रेस की हार से बीजेपी को फायदा, AAP को नुकसान

कांग्रेस भले ही सीटें जीतने में नाकाम रही, लेकिन उसके वोट शेयर में हुई मामूली बढ़त से आम आदमी पार्टी (AAP) को भारी नुकसान उठाना पड़ा। कांग्रेस का असर खासतौर पर अनुसूचित जाति और मुस्लिम बहुल इलाकों में देखा गया, जहां उसे AAP की कीमत पर थोड़ा फायदा हुआ और इसका सीधा लाभ भारतीय जनता पार्टी (BJP) को मिला।

इस चुनाव में AAP के वोट शेयर में 10% की भारी गिरावट दर्ज की गई। 2020 में AAP को 53.6% वोट मिले थे, जबकि इस बार यह घटकर 43.19% रह गया। दूसरी ओर, कांग्रेस का वोट शेयर 2.1% बढ़ा, लेकिन यह बढ़त सीटों में तब्दील नहीं हो सकी।

कांग्रेस ने जताया भरोसा, 2030 में वापसी का दावा

बुरी हार के बावजूद कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं ने हौसला बनाए रखा है। एक पार्टी नेता ने दावा किया कि कांग्रेस जनता का विश्वास फिर से जीतेगी और 2030 में सरकार बनाने में कामयाब रहेगी। हालांकि, पार्टी को फिलहाल अपने संगठन और रणनीति को और मजबूत करने की जरूरत है, ताकि भविष्य में बेहतर प्रदर्शन किया जा सके।

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