Seelampur Murder : उत्तर-पूर्वी दिल्ली का सीलमपुर इलाका एक बार फिर सुर्खियों में है, लेकिन इस बार वजह बेहद दुखद है। गुरुवार शाम करीब 7:30 बजे 17 वर्षीय किशोर कुणाल सिंह की बेरहमी से हत्या कर दी गई। इस घटना ने न केवल स्थानीय लोगों में गुस्सा और आक्रोश भड़काया, बल्कि इलाके में बढ़ते अपराध और असुरक्षा की भावना को भी उजागर किया। लोगों ने सड़कों पर उतरकर न्याय की मांग की, और दिल्ली पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए ‘लेडी डॉन’ के नाम से कुख्यात जिकरा नामक महिला को गिरफ्तार किया। लेकिन क्या यह गिरफ्तारी इलाके की गहरी समस्याओं का समाधान कर पाएगी? आइए, इस घटना के हर पहलू को समझते हैं।
कुणाल हत्याकांड: क्या हुआ उस शाम?
17 साल का कुणाल सिंह उस शाम अपने बीमार पिता के लिए दूध खरीदने घर से निकला था। वह अपने घर से कुछ ही मीटर दूर था, तभी उस पर हमला हुआ। गंभीर रूप से घायल कुणाल को नजदीकी जेपीसी अस्पताल ले जाया गया, लेकिन डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। इस खबर ने सीलमपुर में आग की तरह तनाव फैला दिया। कुणाल के परिवार का आरोप है कि हत्या के समय जिकरा नामक महिला घटनास्थल पर मौजूद थी। स्थानीय लोगों का कहना है कि यह हत्या इलाके में बढ़ते अपराध और सांप्रदायिक तनाव का हिस्सा है। लोगों ने सड़कों पर प्रदर्शन कर हत्यारों की तत्काल गिरफ्तारी और इलाके में सुरक्षा बढ़ाने की मांग की।
सीलमपुर में अपराध: छठी हत्या ने बढ़ाई चिंता
सीलमपुर के निवासियों का कहना है कि यह कोई अकेली घटना नहीं है। स्थानीय लोगों ने बताया कि साल 2012 से अब तक इलाके में यह छठी हत्या है। उनका आरोप है कि हिंदू समुदाय को निशाना बनाकर प्रताड़ित किया जा रहा है। कुछ लोगों ने तो यह भी दावा किया कि इलाके में सांप्रदायिक तनाव के कारण हिंदू परिवारों को घर छोड़ने के लिए मजबूर किया जा रहा है। एक स्थानीय निवासी ने भावुक होकर कहा, “सीलमपुर अब मिनी पाकिस्तान बन चुका है, जहां हिंदू सुरक्षित नहीं हैं।” कई परिवारों ने डर के कारण अपने घर बेच दिए हैं, और जो बचे हैं, वे लगातार डर के साये में जी रहे हैं। यह गंभीर आरोप इलाके में सामाजिक तनाव और प्रशासनिक विफलता की ओर इशारा करते हैं।
पुलिस की कार्रवाई: लेडी डॉन की गिरफ्तारी
दिल्ली पुलिस ने इस मामले में त्वरित कार्रवाई करते हुए जिकरा नामक महिला को गिरफ्तार किया, जिसे इलाके में ‘लेडी डॉन’ के नाम से जाना जाता है। पुलिस का कहना है कि जांच जारी है, और जल्द ही अन्य संदिग्धों को भी पकड़ा जाएगा। एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि कुणाल के परिवार ने जिकरा की मौजूदगी की बात कही है, और इसकी जांच की जा रही है। हालांकि, पुलिस की कार्रवाई के बावजूद स्थानीय लोगों का गुस्सा शांत नहीं हुआ है। शुक्रवार को सैकड़ों लोग और हिंदू संगठनों के सदस्य सड़कों पर उतरे, और पुलिस को अल्टीमेटम देकर ही प्रदर्शन खत्म किया।
सियासी हलचल: मनोज तिवारी और सौरभ भारद्वाज की प्रतिक्रिया
इस घटना ने राजनीतिक गलियारों में भी हलचल मचा दी है। भाजपा सांसद मनोज तिवारी 19 अप्रैल को दोपहर 12:30 बजे दिल्ली पहुंचने के बाद सीधे सीलमपुर जाने वाले हैं। उम्मीद है कि वह कुणाल के परिवार और स्थानीय लोगों से मुलाकात करेंगे। दूसरी ओर, आम आदमी पार्टी के नेता सौरभ भारद्वाज ने दिल्ली पुलिस पर निशाना साधा। उन्होंने कहा, “पुलिस का दावा है कि दिल्ली में अपराध कम हुआ है, लेकिन यह हत्याकांड उनकी नाकामी को उजागर करता है। पुलिस वीआईपी सुरक्षा में व्यस्त है, जबकि आम लोग असुरक्षित हैं।” यह बयानबाजी इस मुद्दे को और गर्म कर सकती है।
सीलमपुर का भविष्य: क्या है समाधान?
सीलमपुर में बढ़ते अपराध और सांप्रदायिक तनाव ने कई सवाल खड़े किए हैं। स्थानीय लोग सुरक्षा, न्याय और सामाजिक सद्भाव की मांग कर रहे हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि इस समस्या का समाधान केवल पुलिस कार्रवाई से नहीं हो सकता। इसके लिए सामुदायिक स्तर पर बातचीत, बेहतर प्रशासन और सख्त कानून लागू करने की जरूरत है। सीलमपुर के लोगों को अब डर के साये से निकालकर एक सुरक्षित और समावेशी माहौल देने की जिम्मेदारी प्रशासन और समाज दोनों की है।