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दिल्ली में चौंकाने वाला खुलासा! बांग्लादेशी ट्रांसजेंडर एजेंट्स का नेटवर्क कैसे करता था काम?

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नई दिल्ली : दिल्ली के इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के पास महिपालपुर की संकरी गलियों में पिछले कुछ दिनों से खुफिया एजेंसियों की हलचल तेज थी। यह हलचल दो ट्रांसजेंडर व्यक्तियों के इर्द-गिर्द थी, जिनके पीछे दिल्ली पुलिस की एक विशेष टीम आठ दिनों तक छाया की तरह लगी रही। आखिरकार, 10 अप्रैल को पुलिस ने एक बड़ा खुलासा किया, जिसने सभी को चौंका दिया।

रहस्यमयी फोन कॉल और बांग्लादेशी कनेक्शन

पुलिस को खुफिया सूत्रों से मिली जानकारी के आधार पर इन दो व्यक्तियों पर नजर रखी जा रही थी। आठ दिन की कड़ी मेहनत के बाद पुलिस ने इन्हें उस समय पकड़ लिया, जब ये प्रतिबंधित आईएमओ ऐप के जरिए फोन पर बात कर रहे थे। पुलिस ने तुरंत कार्रवाई की और दोनों को हिरासत में ले लिया। जब फोन की जांच की गई, तो हैरान करने वाली बात सामने आई—ये दोनों बांग्लादेश में किसी से संपर्क में थे। 

जांच में यह भी पता चला कि इनके फोन में बांग्लादेशी पहचान पत्र के दस्तावेज मौजूद थे। दोनों ने फेसबुक मैसेंजर के जरिए अपने बांग्लादेशी दोस्तों से लगातार बातचीत की थी। यह खुलासा दिल्ली पुलिस के लिए एक बड़ी कामयाबी थी, क्योंकि इससे एक संभावित बड़े खतरे को टाला जा सका।

कौन हैं ये ट्रांसजेंडर?

पकड़े गए दोनों व्यक्तियों की पहचान 22 वर्षीय माही और 19 वर्षीय तान्या के रूप में हुई है। पुलिस ने इनके पास से मोबाइल फोन और कुछ अन्य सामान बरामद किए हैं। पूछताछ में दोनों ने बताया कि वे बांग्लादेशी नागरिक हैं और एजेंटों की मदद से अवैध रूप से भारत में दाखिल हुए थे। दिल्ली पहुंचने के बाद उन्होंने अपनी पहचान छिपाने के लिए न केवल अपना नाम बदला, बल्कि लिंग परिवर्तन की प्रक्रिया भी अपनाई। 

पहचान छिपाने की साजिश

दोनों ने पुलिस को बताया कि उन्होंने सामान्य दिखने के लिए छोटी-मोटी सर्जरी और हार्मोनल इंजेक्शन का सहारा लिया था। इस तरह की सावधानी बरतने का मकसद था कि कोई उनकी असली पहचान का पता न लगा सके। दिल्ली जैसे बड़े शहर में भीड़ का हिस्सा बनकर वे आसानी से अपनी गतिविधियां चला रहे थे। लेकिन पुलिस की सतर्कता ने उनकी साजिश को नाकाम कर दिया।

जांच अभी जारी

दिल्ली पुलिस इस मामले की गहराई से जांच कर रही है। यह जानने की कोशिश की जा रही है कि इन दोनों का असली मकसद क्या था और क्या ये किसी बड़ी साजिश का हिस्सा थे। पुलिस सूत्रों का कहना है कि बांग्लादेशी कनेक्शन की तह तक जाने के लिए फोन की फॉरेंसिक जांच की जा रही है। साथ ही, यह भी पता लगाया जा रहा है कि क्या इनके साथ और लोग भी शामिल थे। 

यह घटना न केवल दिल्ली पुलिस की सतर्कता को दर्शाती है, बल्कि यह भी बताती है कि हमारा देश कितनी सावधानी से अपनी सुरक्षा सुनिश्चित करता है। इस तरह की खबरें हमें यह सोचने पर मजबूर करती हैं कि हमारे आसपास क्या-क्या हो रहा है और हमें कितना जागरूक रहने की जरूरत है।

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