देहरादून : शहर में कानून और व्यवस्था को मजबूत करने के लिए वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) अजय सिंह ने बड़ा कदम उठाया है। हाल ही में उन्होंने तीन निरीक्षकों और पांच उपनिरीक्षकों के तबादले के आदेश जारी किए। इस बदलाव का मकसद जिले के विभिन्न थानों में बेहतर तालमेल और कार्यक्षमता लाना है। खास तौर पर राजपुर, सेलाकुई और कालसी जैसे प्रमुख थानों के थानाध्यक्षों में फेरबदल देखने को मिला है। यह कदम न सिर्फ पुलिस विभाग में नई ऊर्जा लाएगा, बल्कि आम लोगों के बीच सुरक्षा का भरोसा भी बढ़ाएगा।
थानों में नए चेहरे, नई जिम्मेदारियां
इस तबादले की सबसे खास बात रही राजपुर और सेलाकुई थानों के थानाध्यक्षों की अदला-बदली। राजपुर थाने के प्रभारी को सेलाकुई भेजा गया, जबकि सेलाकुई के थानाध्यक्ष अब राजपुर की कमान संभालेंगे। इसके अलावा कालसी थाने में भी नया नेतृत्व देखने को मिलेगा। दीपक धारीवाल, जिन्हें कुछ समय पहले निलंबन का सामना करना पड़ा था, अब कालसी थाने के थानाध्यक्ष बनाए गए हैं। दीपक का सफर भी चर्चा में रहा है। नगर निकाय चुनाव के दौरान आशारोड़ी में आईजी गढ़वाल की चेकिंग में लापरवाही के चलते उन्हें सस्पेंड किया गया था। बाद में उन्हें देहात एसओजी में भेजा गया और अब कालसी में नई जिम्मेदारी सौंपी गई है।
कौन कहां गया?
तबादलों की इस सूची में कई बड़े नाम शामिल हैं। निरीक्षक राजेंद्र सिंह को ऋषिकेश कोतवाली से हटाकर पुलिस कार्यालय में चुनाव सेल का प्रभारी बनाया गया है। वहीं, प्रदीप कुमार राणा पटेल नगर कोतवाली से ऋषिकेश कोतवाली पहुंचे हैं। हरिओम राज चौहान अब पटेल नगर कोतवाली की जिम्मेदारी संभालेंगे।
उपनिरीक्षकों में पीड़ी भट्ट सेलाकुई के नए थानाध्यक्ष होंगे, जबकि शैंकी कुमार राजपुर में नई पारी शुरू करेंगे। योगेश चंद्र और ओमवीर सिंह को भी ऋषिकेश कोतवाली के अंतर्गत नई भूमिकाएं दी गई हैं। एसएसपी अजय सिंह ने साफ किया कि यह बदलाव व्यवस्था को चुस्त-दुरुस्त करने के लिए जरूरी था। साथ ही सभी अधिकारियों को तुरंत अपने नए पदों पर पहुंचने के निर्देश दिए गए हैं।
जनता के लिए क्या मायने रखता है यह बदलाव?
देहरादून जैसे शहर में, जहां पर्यटन और स्थानीय आबादी दोनों की सुरक्षा अहम है, पुलिस का यह फेरबदल लोगों के लिए राहत की बात हो सकता है। नए चेहरों के साथ ताजगी और सख्ती का मेल देखने को मिलेगा। खासकर कालसी जैसे ग्रामीण इलाकों में दीपक धारीवाल जैसे अनुभवी अधिकारी कानून व्यवस्था को नई मजबूती दे सकते हैं। एसएसपी का यह कदम न सिर्फ विभाग के भीतर जवाबदेही बढ़ाएगा, बल्कि आम जनता के बीच पुलिस पर भरोसा भी कायम करेगा।