देहरादून के राजभवन में हर साल की तरह इस बार भी वसंतोत्सव-2025 का रंगारंग आयोजन होने जा रहा है, जो 07 मार्च से शुरू होगा। सोमवार को राजभवन में आयोजित ‘कर्टेन रेजर’ समारोह में राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (से नि) ने इस तीन दिवसीय पुष्प प्रदर्शनी की विस्तृत जानकारी साझा की।
उन्होंने बताया कि इस बार खास तौर पर ‘जटामांसी’ को विशेष पोस्टल कवर के लिए चुना गया है, जो उत्तराखंड की औषधीय संपदा का प्रतीक है। वसंतोत्सव का शुभारंभ 07 मार्च को सुबह 11 बजे होगा, और यह प्रदर्शनी आम लोगों के लिए मुफ्त रहेगी। पहले दिन दोपहर 1 बजे से शाम 6 बजे तक और अगले दो दिन यानी 08 और 09 मार्च को सुबह 9 बजे से शाम 6 बजे तक लोग इस खूबसूरत आयोजन का आनंद ले सकेंगे।
राज्यपाल ने कहा कि उत्तराखंड के फूलों की सुंदरता और विविधता देश-दुनिया में अपनी खास पहचान रखती है। यहां की जलवायु और भौगोलिक स्थिति पुष्प उत्पादन के लिए बेहद अनुकूल है, जिसे वसंतोत्सव जैसे आयोजन और मजबूत बनाते हैं। यह उत्सव न सिर्फ प्रकृति की सुंदरता को प्रदर्शित करता है, बल्कि स्थानीय कारीगरों, किसानों, महिला समूहों और युवा उद्यमियों को आर्थिक सशक्तिकरण का मंच भी देता है।
उन्होंने जोर देकर कहा कि यह आयोजन उत्तराखंड को ‘पुष्प प्रदेश’ और ‘ग्रीन टूरिज्म हब’ के रूप में स्थापित करने की दिशा में एक बड़ा कदम है। इस बार विभिन्न प्रतियोगिताओं में 165 पुरस्कार भी दिए जाएंगे, जो पुष्प उत्पादकों और बागवानों का उत्साह बढ़ाएंगे।
वसंतोत्सव-2025 में कई आकर्षण शामिल होंगे। कट फ्लावर, पॉटेड प्लांट्स, बोनसाई, टेरारियम और हाइड्रोपोनिक तकनीक जैसी प्रतियोगिताएं लोगों का ध्यान खींचेंगी। पहली बार हाइड्रोपोनिक खेती को बढ़ावा देने के लिए प्रदर्शन होगा, जो आधुनिक बागवानी का शानदार उदाहरण है।
इसके अलावा बच्चों के लिए पेंटिंग प्रतियोगिता, रंगोली, और फोटोग्राफी जैसे कार्यक्रम भी आयोजन को जीवंत बनाएंगे। राज्यपाल ने बताया कि यह उत्सव उत्तराखंड की संस्कृति, पर्यावरण और अर्थव्यवस्था को एक साथ जोड़ता है, जिससे पर्यटन को भी बढ़ावा मिलेगा। इस आयोजन में 35 से ज्यादा सरकारी विभाग और शोध संस्थान अपने स्टॉल लगाएंगे, जो जनता के लिए उपयोगी जानकारी और तकनीकों को प्रदर्शित करेंगे।
‘कर्टेन रेजर’ में सचिव राज्यपाल रविनाथ रामन, अपर सचिव स्वाति एस भदौरिया, निदेशक उद्यान दीप्ति सिंह जैसे वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे। यह आयोजन न सिर्फ फूलों की प्रदर्शनी है, बल्कि उत्तराखंड की समृद्ध परंपरा और संभावनाओं का उत्सव है। राज्यपाल ने कहा कि दुर्लभ और औषधीय फूलों की प्रजातियां वैश्विक बाजार में उत्तराखंड का नाम रोशन कर सकती हैं। इस बार का वसंतोत्सव पर्यावरण संरक्षण को भी ध्यान में रखकर पॉलीथीन मुक्त होगा, जो इसे और खास बनाता है।