देहरादून में 3 मार्च को हुई कैबिनेट बैठक ने महिलाओं के लिए एक नई उम्मीद की किरण जलाई है। मुख्यमंत्री एकल महिला स्वरोजगार योजना को हरी झंडी मिलते ही महिला सशक्तिकरण एवं बाल विकास मंत्री रेखा आर्या ने प्रदेश की बहनों को दिल से बधाई दी।
उन्होंने बताया कि इस योजना के तहत दी जाने वाली सहायता राशि का 75 फीसदी हिस्सा सब्सिडी के रूप में मिलेगा, जो महिलाओं के लिए आत्मनिर्भरता का रास्ता आसान करेगा। रेखा आर्या ने खुशी जताते हुए कहा कि यह योजना अविवाहित, परित्यक्ता, तलाकशुदा, निराश्रित और विकलांग एकल महिलाओं के लिए बनाई गई है, ताकि उन्हें समाज में मजबूत पहचान मिल सके।
इस योजना के तहत पात्र महिलाओं को अधिकतम 2 लाख रुपये तक की सहायता राशि दी जाएगी, जिसमें से 75% हिस्सा सरकार की ओर से अनुदान होगा। यानी, लाभार्थियों को अपने व्यवसाय के लिए सिर्फ 25 फीसदी राशि ही जुटानी होगी।
रेखा आर्या ने बताया कि कैबिनेट की मंजूरी के बाद अब जल्द ही इसका सरकारी आदेश (जीओ) जारी होगा, जिससे योजना धरातल पर उतर सके। पहले साल में कम से कम 2000 महिलाओं को लाभ पहुंचाने का लक्ष्य रखा गया है। मंत्री ने कहा कि पहले साल की सफलता को देखते हुए आगे लाभार्थियों की संख्या बढ़ाई जा सकती है।
उन्होंने यह भी जोड़ा कि उत्तराखंड में महिलाओं को सशक्त बनाने के लिए पहले से कई योजनाएं चल रही हैं, लेकिन एकल महिलाओं पर केंद्रित कोई विशेष योजना अब तक नहीं थी। रेखा आर्या ने कहा कि इन महिलाओं को आर्थिक और सामाजिक रूप से मजबूत करना बेहद जरूरी है, क्योंकि ये समाज का वो हिस्सा हैं जिन्हें सबसे ज्यादा सहारे की जरूरत है।
इस योजना को महिला दिवस से पहले मंजूरी मिलना अपने आप में एक खास तोहफा है, जो सरकार की संवेदनशीलता को दर्शाता है।