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होम क्रेडिट इंडिया स्टडी: भारतीय ई-कॉमर्स ग्रोथ की असली ताकत बनी महिलाएं

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देहरादून : भारत में ऑनलाइन शॉपिंग का रंग अब महिलाओं के हाथों में है। होम क्रेडिट इंडिया की ताज़ा स्टडी ‘हाउ इंडिया बारोज 2024’ बताती है कि 60% महिलाएं न सिर्फ ऑनलाइन खरीदारी में आगे हैं, बल्कि पुरुषों (52%) को पीछे छोड़ते हुए डिजिटल कॉमर्स की रफ्तार को नई ऊंचाइयों तक ले जा रही हैं। मिलेनियल्स और जेन जेड के साथ मिलकर ये महिलाएं ई-कॉमर्स के भविष्य को गढ़ रही हैं।

एम्बेडेड फाइनेंस जैसे नए समाधानों ने इस बदलाव को और आसान बनाया है, जो लोन को तेज़ और शॉपिंग को सहज बनाते हैं। यह ट्रेंड न सिर्फ महिलाओं की वित्तीय आज़ादी को दर्शाता है, बल्कि उनकी बदलती सोच और तकनीक के प्रति भरोसे को भी सामने लाता है।

पिछले कुछ सालों में ऑनलाइन शॉपिंग के आंकड़े भी कुछ अलग कहानी बयां करते हैं। 2021 में यह 69% तक पहुंची, 2023 में 48% तक लुढ़की, और अब 2024 में फिर 53% पर आ गई। भले ही इन-स्टोर शॉपिंग ने वापसी की हो, डिजिटल कॉमर्स की चमक कम नहीं हुई, और इसका श्रेय महिलाओं और युवाओं को जाता है।

टियर-2 शहर अब मेट्रो शहरों के बराबर खड़े हैं, जहां दोनों जगह 56% लोग ऑनलाइन खरीदारी कर रहे हैं। खासकर पूर्वी और दक्षिणी शहरों में यह ट्रेंड तेज़ी से बढ़ा है। कोलकाता (71%), कोच्चि (66%), हैदराबाद (64%) और चेन्नई (60%) जैसे शहरों में निम्न-मध्यम वर्ग की महिलाएं इस बदलाव की अगुवाई कर रही हैं।

होम क्रेडिट इंडिया के चीफ मार्केटिंग ऑफिसर आशीष तिवारी का कहना है कि महिलाएं डिजिटल शॉपिंग को नया रूप दे रही हैं। वे न सिर्फ ऑनलाइन खरीदारी में आगे हैं, बल्कि एम्बेडेड फाइनेंस जैसे स्मार्ट सॉल्यूशंस को अपनाकर अपने अनुभव को बेहतर बना रही हैं।

उनकी स्टडी बताती है कि महिलाएं आत्मविश्वास से एआई टूल्स और डिजिटल लेंडिंग का इस्तेमाल कर रही हैं। यह बदलाव महिलाओं की बढ़ती वित्तीय स्वतंत्रता और उनकी जरूरतों के हिसाब से आसान क्रेडिट की मांग को रेखांकित करता है। होम क्रेडिट इंडिया इसे एक बड़े परिवर्तन के रूप में देखता है, जो डिजिटल अर्थव्यवस्था में महिलाओं की मजबूत मौजूदगी को दर्शाता है।

महिलाओं के अलावा युवा भी इस क्रांति का हिस्सा हैं। जेन जेड के 58% और मिलेनियल्स के 59% लोग ऑनलाइन शॉपिंग को पसंद करते हैं, जबकि जेन एक्स में यह आंकड़ा सिर्फ 39% है। एम्बेडेड फाइनेंस ने महिलाओं के लिए खरीदारी को और आसान बनाया है। आधे से ज्यादा लोन लेने वाले मानते हैं कि यह लेनदेन को सरल करता है।

खासकर निम्न-मध्यम वर्ग की 38% महिलाएं ईएमआई कार्ड्स को पसंद करती हैं, जो भरोसेमंद और तेज़ डिलीवरी का वादा करते हैं। तकनीक पर भरोसा भी बढ़ रहा है। 30% महिलाएं चैटबॉट्स को भरोसेमंद मानती हैं, और 26% व्हाट्सएप से मिलने वाले लोन ऑफर्स पर यकीन करती हैं।

लेकिन इस तेज़ी के बीच वित्तीय साक्षरता का सवाल भी अहम है। ऑनलाइन शॉपिंग और डिजिटल लेंडिंग बढ़ने के साथ जिम्मेदार लोन लेना जरूरी हो गया है, ताकि कर्ज का जाल न फैले। हर पांच में से एक महिला अब वित्त, इंटरनेट बैंकिंग और डिजिटल पेमेंट्स सीखना चाहती है।

उन्हें बजट, क्रेडिट मैनेजमेंट और वित्तीय योजना का ज्ञान देना न सिर्फ उनकी सुरक्षा बढ़ाएगा, बल्कि देश की आर्थिक तरक्की को भी आगे ले जाएगा। यह साक्षरता का अंतर पाटना महिलाओं को डिजिटल दुनिया में आत्मविश्वास से कदम रखने के लिए बेहद जरूरी है।

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