देहरादून : देहरादून में वाहन चोरी की बढ़ती घटनाओं से परेशान लोगों के लिए राहत की खबर है। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (SSP) देहरादून की सटीक रणनीति और कड़ी कार्रवाई ने अपराधियों के होश उड़ा दिए हैं। पश्चिमी उत्तर प्रदेश और हिमाचल प्रदेश से संचालित होने वाले एक अंतरराज्यीय वाहन चोर गिरोह को दून पुलिस ने धर दबोचा।
इस गिरोह के चार शातिर चोरों को अलग-अलग थाना क्षेत्रों से गिरफ्तार किया गया, जिनके कब्जे से चोरी के 22 दोपहिया वाहन बरामद हुए। ये चोर देहरादून के सेलाकुई, प्रेमनगर, राजपुर, डोईवाला जैसे इलाकों में चोरी करते थे और वाहनों को सुनसान जगहों पर छिपाकर सहारनपुर में बेचने की फिराक में थे। SSP की सख्ती ने न सिर्फ चोरों को सलाखों के पीछे पहुंचाया, बल्कि लोगों में सुरक्षा का भरोसा भी जगाया।
सेलाकुई में शुरू हुई कार्रवाई
बीते 26 फरवरी 2025 को सेलाकुई निवासी मनीष कुमार ने थाने में शिकायत दर्ज की कि उनकी मोटरसाइकिल (UK16C-1089) चोरी हो गई। पुलिस ने तुरंत मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू की। SSP देहरादून ने इसे गंभीरता से लेते हुए थानाध्यक्ष सेलाकुई को निर्देश दिए। SOG और थाना पुलिस की टीमों ने घटनास्थल का जायजा लिया, मुखबिरों को सक्रिय किया और सुराग जुटाए। नतीजा? दो शातिर चोर—घनश्याम और दिवित—सेलाकुई से धर लिए गए।
इनके पास से 11 चोरी के वाहन बरामद हुए, जो देहरादून के अलग-अलग थानों में दर्ज मामलों से जुड़े थे। पूछताछ में खुलासा हुआ कि घनश्याम हलवाई का काम छोड़ चुका था और दिवित सहारनपुर के कबाड़ी से जुड़ा था। दोनों ने मिलकर चोरी की साजिश रची थी।
विकासनगर में भी चोरों पर शिकंजा
दूसरी ओर, विकासनगर में भी चोरी की वारदातें बढ़ रही थीं। गोपाल सिंह, नूर मोहम्मद और गुरुदीप ने अपनी बाइकों के चोरी होने की शिकायत दर्ज की। SSP के निर्देश पर पुलिस टीम ने CCTV फुटेज खंगाली और संदिग्धों की तलाश शुरू की। मेहनत रंग लाई और दो चोर—गंगेश्वर उर्फ रिशु और सुरजीत उर्फ पोम्पी—ढालीपुर पुल के पास से पकड़े गए। इनके पास से 11 चोरी के वाहन बरामद हुए, जिनमें से कुछ हिमाचल और अन्य राज्यों से चुराए गए थे। पूछताछ में पता चला कि ये नशे के आदी थे और नशे की लत पूरी करने के लिए चोरी करते थे। चुराई गई बाइकों को जंगल में छिपाते थे और सस्ते दामों में बेचते थे।
पुलिस की मेहनत और जनता का भरोसा
SSP देहरादून की अगुवाई में पुलिस ने न सिर्फ चोरों को पकड़ा, बल्कि चोरी के वाहनों को बरामद कर लोगों को उनकी संपत्ति लौटाने का भरोसा दिया। सेलाकुई और विकासनगर की पुलिस टीमों ने दिन-रात मेहनत कर अपराधियों पर नकेल कसी। यह कार्रवाई न केवल अपराध पर लगाम लगाने का सबूत है, बल्कि पुलिस की विश्वसनीयता को भी मजबूत करती है।