देहरादून : उत्तराखंड में सशक्त भू कानून को लेकर कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज ने बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि यह कानून लैंड जिहाद और देवभूमि की जनसांख्यिकी (डेमोग्राफी) को बदलने की साजिशों पर रोक लगाने का मजबूत हथियार साबित होगा। “हमारी सरकार का यह कदम ऐतिहासिक है, और प्रदेश की जागरूक जनता जंगल-जमीन को सुरक्षित करने की इस लड़ाई में हमारे साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़ी है,” महाराज ने गर्व से कहा।
उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व में लाया गया यह भू कानून संशोधन अधिनियम राज्यवासियों की उम्मीदों का सच्चा साथी है। इस कानून के लागू होने के बाद कोई भी भूमाफिया उत्तराखंड की जमीनों पर बुरी नजर नहीं डाल सकेगा। खासकर पहाड़ी इलाकों में लोगों की चिंता थी कि बाहरी लोग अवैध तरीकों से जमीन हड़प रहे हैं।
इस दर्द को समझते हुए सीएम धामी ने सरकार बनते ही एक उच्च स्तरीय कमेटी बनाई। कमेटी ने सभी पक्षों से गहन चर्चा की, विशेषज्ञों और कानूनी जानकारों की सलाह ली, और फिर तैयार ड्राफ्ट को विधेयक के रूप में कैबिनेट से पास कर सदन में पेश किया। इस प्रक्रिया में सभी संवैधानिक नियमों का पालन किया गया और विपक्ष को भी अपनी बात रखने का पूरा मौका दिया गया।
महाराज ने विपक्ष पर तंज कसते हुए कहा, “जिस विधेयक को सदन में सबकी सहमति से पास किया गया, वह बाहर आते ही कांग्रेस के लिए विवादास्पद कैसे हो गया? यह उनकी दोहरी राजनीति का सबूत है, जो बार-बार सामने आता है।” उन्होंने आगे कहा कि यह भू कानून राज्य के संसाधनों और पहचान को बचाने की दिशा में सिर्फ पहला कदम है। “आने वाले सुझावों पर हम गंभीरता से विचार करेंगे। हमारा मकसद साफ है – जमीन का संरक्षण और संवर्धन।”
मंत्री ने यह भी बताया कि पहले सीएम धामी के निर्देश पर पुराने भू कानून का उल्लंघन करने वालों पर सख्त कार्रवाई शुरू हुई थी। तब हजारों एकड़ जमीन भूमाफियाओं के चंगुल से मुक्त कराई गई थी, लेकिन उस वक्त भी विपक्ष को सबसे ज्यादा तकलीफ हुई थी। आज वही लोग भू कानून को लेकर झूठ और अफवाहें फैला रहे हैं।
महाराज ने कहा, “प्रदेश की जनता पीएम मोदी और सीएम धामी पर पूरा भरोसा करती है। जंगल और जमीन को बचाने के इस ऐतिहासिक कदम में जनता हमारे साथ मजबूती से खड़ी है।”