देहरादून: उत्तराखंड में बदलती जनसंख्या संरचना (डेमोग्राफी) और संस्कृति को बचाने के लिए धामी सरकार लगातार कदम उठा रही है, लेकिन कांग्रेस इन फैसलों पर सवाल खड़े कर रही है। यह बात भाजपा विधायक विनोद चमोली ने कही। उन्होंने विधानसभा अध्यक्ष ऋतु भूषण खंडूड़ी का समर्थन करते हुए कहा कि सदन की मर्यादा सबसे ऊपर है और स्पीकर ने अपने कर्तव्यों का पालन किया। चमोली ने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि वह जनहित के हर मुद्दे पर विवाद खड़ा करती है, जो राज्य के विकास के लिए ठीक नहीं।
स्पीकर के समर्थन में उतरे चमोली
विधानसभा में कांग्रेस विधायक को बोलने से रोकने के बाद सोशल मीडिया पर स्पीकर ऋतु खंडूड़ी को कुछ लोग निशाने पर ले रहे हैं। इस पर विनोद चमोली ने कहा कि सदन में अनुशासन और संवैधानिक परंपराओं को बनाए रखना स्पीकर की जिम्मेदारी है। क्षेत्रवाद का सहारा लेकर उनके योगदान को कम आंकना गलत है। उन्होंने कहा, “स्पीकर ने जो किया, वह उनके पद की गरिमा के अनुरूप था। इसे गलत तरीके से पेश करना दुर्भाग्यपूर्ण है।”
कांग्रेस पर चमोली का हमला
पार्टी मुख्यालय में पत्रकारों से बात करते हुए चमोली ने कहा कि धामी सरकार राज्य की संस्कृति और पहचान को सहेजने के लिए प्रतिबद्ध है। इसके बावजूद कांग्रेस हर कदम पर सवाल उठाती है। उन्होंने जोर देकर कहा कि सदन के अंदर हर सदस्य को मर्यादा का पालन करना चाहिए। स्पीकर का काम सदन को व्यवस्थित करना है और ऋतु खंडूड़ी ने इसमें कोई चूक नहीं की। चमोली ने यह भी कहा कि एक जिम्मेदार बयान को तोड़-मरोड़ कर गलत ठहराना ठीक नहीं।
ऋतु खंडूड़ी की योग्यता पर गर्व
चमोली ने स्पीकर की तारीफ करते हुए कहा कि वह उत्तराखंड की बेटी हैं और उनकी फैमिली का राज्य व देश के लिए बड़ा योगदान रहा है। उनके पिता ने सेना और राजनीति में सेवा दी, जबकि उनके पति, जो पहाड़ के मूल निवासी हैं, ने कोरोना काल में बतौर केंद्रीय अधिकारी लोगों की जान बचाई। चमोली ने कहा, “अध्यक्ष की कुर्सी पर बैठी हमारी बेटी अपनी जिम्मेदारी बखूबी निभा रही है। उन्हें टारगेट करना गलत है।”
उत्तराखंड की राजनीति में यह मुद्दा चर्चा का केंद्र बना हुआ है। विशेषज्ञों का मानना है कि धामी सरकार के फैसले और स्पीकर की भूमिका राज्य के विकास और सदन की गरिमा के लिए अहम हैं।