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Uttarakhand News : सैनिक धाम से भू-कानून तक, CM धामी ने पौड़ी में खोला विकास का पिटारा

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पौड़ी : मंगलवार को उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने पौड़ी जिले के दुगड्डा पार्क में तीन दिवसीय शहीद मेले का उद्घाटन किया। इस मौके पर उन्होंने अमर शहीद चंद्रशेखर आजाद, स्वर्गीय बलदेव सिंह आर्य और स्वर्गीय भवानी सिंह रावत की प्रतिमाओं पर माल्यार्पण कर उन्हें पुष्पांजलि अर्पित की।

यह आयोजन न सिर्फ शहीदों के बलिदान को याद करने का अवसर था, बल्कि क्षेत्र के विकास के लिए कई महत्वपूर्ण घोषणाओं का भी गवाह बना। क्या ये घोषणाएं स्थानीय लोगों के जीवन में बदलाव ला पाएंगी? आइए, इस खबर को विस्तार से समझते हैं।

मुख्यमंत्री ने दुगड्डा के विकास के लिए कई योजनाओं का ऐलान किया। नगरपालिका दुगड्डा के अंतर्गत एक आधुनिक बहुउद्देशीय भवन बनाया जाएगा, जो क्षेत्र की जरूरतों को पूरा करने में मददगार होगा। इसके अलावा, नगरपालिका को एक आधिकारिक वाहन उपलब्ध कराया जाएगा।

शहीद भवानी सिंह रावत की स्मृति में बने स्थल का संरक्षण और सौंदर्यीकरण भी नगरपालिका द्वारा किया जाएगा। क्या आपने कभी सोचा कि शहीदों की याद में बने इन स्थानों का महत्व हमारी नई पीढ़ी के लिए कितना है? इसके साथ ही, निराश्रितों के लिए एक स्थायी रैन बसेरा और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र का विकास होगा, जिसका नाम स्वर्गीय मोहनलाल बौंठियाल के नाम पर रखा जाएगा।

खेल और बुनियादी ढांचे को बढ़ावा देने के लिए दुगड्डा ब्लॉक में एक मिनी स्टेडियम बनेगा, जबकि फतेहपुर में सिलगाड नदी पर पुल का निर्माण होगा। मटियाली में सिद्धबाबा मंदिर का सौंदर्यीकरण भी इस सूची में शामिल है। मुख्यमंत्री ने कहा कि ये कदम न केवल क्षेत्र के विकास को गति देंगे, बल्कि शहीदों के प्रति सम्मान को भी प्रदर्शित करते हैं। उन्होंने जोर देकर कहा, “हमारे शहीदों का साहस और समर्पण हमें प्रेरणा देता है। ऐसे आयोजन युवाओं को इतिहास और संस्कृति से जोड़ते हैं।”

धामी ने केंद्र सरकार के नेतृत्व में स्वतंत्रता संग्राम की गाथाओं को जीवित रखने के प्रयासों का भी जिक्र किया। उन्होंने बताया कि देहरादून के गुनियाल गांव में उत्तराखंड का पांचवां धाम, सैनिक धाम, बनाया जा रहा है। स्वतंत्रता सेनानियों और उनके परिवारों के कल्याण के लिए राज्य सरकार कई योजनाएं चला रही है। क्या यह कदम वाकई हमारे वीरों के प्रति सम्मान को मजबूत करेगा? इसके अलावा, स्वास्थ्य सेवाओं और आवासीय योजनाओं में उनके आश्रितों को प्राथमिकता दी जा रही है।

मुख्यमंत्री ने पर्यावरण और सुरक्षा के मुद्दों पर भी बात की। उन्होंने कहा कि राज्य में 5 हजार हेक्टेयर से अधिक जमीन को अतिक्रमण से मुक्त कराया गया है। हाल ही में विधानसभा सत्र में सशक्त भू-कानून पारित हुआ, जो राज्य के लिए बड़ी उपलब्धि है। वनाग्नि की समस्या से निपटने के लिए प्रशासन तैयार है और जनता से सहयोग की अपील की गई। “जो वन क्षेत्र में आग लगाएगा, उसकी जिम्मेदारी तय होगी और नुकसान की भरपाई भी उसी से होगी,” उन्होंने सख्ती से कहा। जल्द ही इसके लिए कानून भी बनाया जाएगा।

वन्यजीव हमलों और मानव-वन्यजीव संघर्ष पर भी चर्चा हुई। धामी ने कहा कि केंद्र सरकार के साथ इस मुद्दे पर बातचीत होगी, ताकि विकास और वन संरक्षण के बीच संतुलन बनाया जा सके। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि वन्यजीव हमलों पर त्वरित और कानूनी कार्रवाई सुनिश्चित करें। “सबकी जान बचाना हमारी प्राथमिकता है,” उन्होंने दोहराया।

शहीद मेले में विभिन्न विभागों जैसे स्वास्थ्य, कृषि, वन, और समाज कल्याण ने स्टॉल लगाए, जहां लोगों को योजनाओं की जानकारी दी गई और लाभ पहुंचाया गया। इस कार्यक्रम में विधायक, मेयर, और प्रशासनिक अधिकारी भी मौजूद रहे। यह मेला न सिर्फ शहीदों को सम्मान देने का मंच बना, बल्कि विकास और जागरूकता का भी प्रतीक बनकर उभरा।

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