---Advertisement---

Uttarakhand News : डॉ. धन सिंह रावत का बड़ा ऐलान, उत्तराखंड के स्कूलों में आएगा बड़ा बदलाव

By
Last updated:
Follow Us


देहरादून: उत्तराखंड में शिक्षा के स्तर को ऊंचा उठाने की दिशा में एक बड़ा कदम उठाया जा रहा है। विद्यालयी शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने ऐलान किया है कि राज्य के उन सरकारी विद्यालयों का उच्चीकरण किया जाएगा, जो निर्धारित मानकों पर खरे उतरते हैं। यह घोषणा मंगलवार, 25 फरवरी 2025 को देहरादून में उनके शासकीय आवास पर आयोजित समीक्षा बैठक के दौरान सामने आई।

बैठक में उच्चीकरण की प्रक्रिया में देरी पर नाराजगी जताते हुए उन्होंने अधिकारियों को सख्त निर्देश दिए। क्या यह कदम वाकई में पहाड़ी इलाकों के बच्चों के भविष्य को नई रोशनी देगा? आइए, इस खबर को गहराई से समझते हैं।

डॉ. रावत ने बताया कि विभागीय अधिकारियों को सभी जनपदों से उच्च प्राथमिक और उच्चतर माध्यमिक विद्यालयों के प्रस्ताव जल्द से जल्द महानिदेशालय को भेजने का आदेश दिया गया है। उनका कहना है कि यह कदम न सिर्फ शिक्षा की गुणवत्ता को बेहतर करेगा, बल्कि स्थानीय छात्र-छात्राओं को अपने क्षेत्र में ही बेहतर अवसर उपलब्ध कराएगा।

बैठक में उन्होंने साफ कहा, “जो विद्यालय मानकों को पूरा करते हैं, उनका उच्चीकरण तुरंत शुरू हो। देरी किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं होगी।” इसके साथ ही, मुख्यमंत्री की घोषणाओं से जुड़े प्रस्तावों पर भी तेजी से काम करने के लिए अधिकारियों को हिदायत दी गई।

वर्तमान में नौ विद्यालय ऐसे हैं, जो हाईस्कूल से इंटरमीडिएट स्तर तक उच्चीकरण के मानकों को पूरा करते हैं। इनमें चम्पावत के फुंगर, सल्ली और पल्सों जैसे विद्यालय शामिल हैं। वहीं, रुद्रप्रयाग का स्व. शहीद फते सिंह विद्यालय बाडव, टिहरी का मेड़, चामासारी, हरिद्वार का बेलड़ी, अल्मोड़ा का कांटली और नैनीताल का कैड़ागांव भी इस सूची में हैं।

इन सभी का उच्चीकरण जल्द होने की उम्मीद है। लेकिन सवाल यह है कि क्या यह प्रक्रिया सिर्फ कागजों तक सीमित रहेगी या सचमुच धरातल पर बदलाव लाएगी? डॉ. रावत ने अधिकारियों को यह भी कहा कि अगर कोई विद्यालय मानकों को पूरा नहीं करता, तो नियमों में शिथिलता के लिए प्रस्ताव मुख्यमंत्री के पास भेजा जाए।

शिक्षा विभाग के इस फैसले से पहाड़ी क्षेत्रों में रहने वाले परिवारों को बड़ी राहत मिल सकती है। अक्सर देखा जाता है कि उच्च शिक्षा के लिए बच्चों को अपने गांव से दूर शहरों की ओर रुख करना पड़ता है। इस पहल से न सिर्फ उनकी पढ़ाई आसान होगी, बल्कि अभिभावकों पर भी आर्थिक बोझ कम होगा।

बैठक में अपर सचिव रंजना राजगुरू, महानिदेशक बंशीधर तिवारी सहित कई वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे, जिन्हें इस योजना को अमल में लाने की जिम्मेदारी सौंपी गई है। कुल मिलाकर, यह कदम उत्तराखंड की शिक्षा व्यवस्था में एक नई उम्मीद की किरण लेकर आया है। अब देखना यह है कि यह योजना कितनी जल्दी और प्रभावी ढंग से लागू होती है।

For Feedback - feedback@example.com
Join Our WhatsApp Channel

Leave a Comment