देहरादून : उत्तराखंड विधानसभा का बजट सत्र 2025 लगातार गरमाया हुआ है। शुक्रवार को पहाड़-मैदान मुद्दे पर छिड़ी बहस आज और तीखी हो गई, जब विपक्षी दलों ने सरकार पर क्षेत्रवाद को बढ़ावा देने का आरोप लगाया। नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य ने संसदीय कार्यमंत्री प्रेमचंद अग्रवाल पर असंसदीय भाषा का उपयोग करने का आरोप लगाया और विधानसभा अध्यक्ष से उनके खिलाफ कार्रवाई की मांग की।
हालात तब और बिगड़ गए जब कांग्रेस के एक विधायक ने सदन में दस्तावेज फाड़ दिए, जिसके बाद विपक्ष ने सदन से वॉकआउट कर दिया। इस हंगामे से नाराज विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूड़ी भूषण ने विपक्षी सदस्यों को फटकार लगाते हुए कहा कि सत्ता पक्ष और विपक्ष जिस तरह सदन में व्यवहार कर रहे हैं, वह लोकतांत्रिक मर्यादाओं के खिलाफ है।
वित्त मंत्री ने बयान पर जताया खेद
विधानसभा में बढ़ते विवाद के बीच वित्त मंत्री डॉ. प्रेमचंद अग्रवाल ने अपने बयान पर खेद प्रकट किया। उन्होंने स्पष्ट किया कि उनकी मंशा किसी की भावनाओं को आहत करने की नहीं थी। उन्होंने कहा, “उत्तराखंड में रहने वाले सभी लोग मेरे परिवार का हिस्सा हैं। अगर मेरे शब्दों से किसी को ठेस पहुंची है, तो मैं इसके लिए हृदय से खेद व्यक्त करता हूं।”
उन्होंने यह भी कहा कि उनके बयान को तोड़-मरोड़कर प्रस्तुत किया जा रहा है। उन्होंने यह स्पष्ट किया कि उत्तराखंड सभी लोगों का है, चाहे वे पहाड़ के हों या मैदान के।
क्या है पूरा मामला?
दरअसल, शुक्रवार को विधानसभा सत्र के दौरान पहाड़ी क्षेत्रों में नक्शा पास कराने में आ रही दिक्कतों पर चर्चा हो रही थी। इस दौरान कांग्रेस विधायक बिष्ट ने सरकार पर निशाना साधते हुए एक टिप्पणी कर दी, जिससे संसदीय कार्यमंत्री प्रेमचंद अग्रवाल नाराज हो गए।
उन्होंने विपक्षी विधायकों पर उत्तराखंड को पहाड़ और मैदान में बांटने का आरोप लगाते हुए कहा कि विपक्षी नेता इस संवेदनशील मुद्दे को बेवजह तूल दे रहे हैं। इस पर सदन में हंगामा मच गया, जिसके बाद विपक्षी दलों ने वॉकआउट कर दिया।
विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूड़ी भूषण ने नाराजगी जताते हुए कहा कि “उत्तराखंड सिर्फ पहाड़ और मैदान का नहीं है, यह हम सभी का है। बार-बार इस मुद्दे को उठाकर क्षेत्रवाद को बढ़ावा देना बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है।”