देहरादून : उत्तराखंड कांग्रेस के वरिष्ठ उपाध्यक्ष और प्रवक्ता धीरेंद्र प्रताप ने उत्तराखंड विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूरी के आचरण पर कड़ी आपत्ति जताई है। उन्होंने कहा कि विधानसभा अध्यक्ष को अपने पद की गरिमा बनाए रखनी चाहिए, लेकिन पिछले तीन दिनों में सदन में उनके व्यवहार ने न केवल उनकी निष्पक्षता पर सवाल खड़े किए हैं, बल्कि उनके पिता, पूर्व मुख्यमंत्री भुवन चंद्र खंडूरी की प्रतिष्ठा को भी धूमिल किया है।
पर्वतीय विधायकों पर टिप्पणी से भड़की कांग्रेस
धीरेंद्र प्रताप ने विशेष रूप से पर्वतीय मूल के विधायकों को “शराबी” कहे जाने को लेकर नाराजगी जताई। उन्होंने कहा कि इस तरह की टिप्पणी पूरे पर्वतीय समाज का अपमान है और इससे प्रदेश में गलत संदेश गया है कि “सूर्यास्त उत्तराखंड मस्त”।
उन्होंने इस बयान को बेहद आपत्तिजनक करार देते हुए कहा कि कांग्रेस के विधायक हमेशा अनुशासन में रहते हैं और संसदीय मर्यादाओं का पालन करते हैं। उन्होंने दिल्ली विश्वविद्यालय छात्र संघ के पूर्व अध्यक्ष व निर्दलीय विधायक मदन सिंह बिष्ट का जिक्र करते हुए कहा कि वह हजारों वोटों से जीतकर सदन में पहुंचे हैं, लेकिन उन्हें शराबी करार दिया गया, और इस पूरे मामले पर स्पीकर ऋतु खंडूरी चुप्पी साधे रहीं।
मदन सिंह बिष्ट का अपमान गरीबों का अपमान
धीरेंद्र प्रताप ने जोर देकर कहा कि मदन सिंह बिष्ट का अपमान सिर्फ एक व्यक्ति का नहीं, बल्कि गरीब और मेहनतकश समाज के संघर्षशील लोगों का अपमान है। उन्होंने कहा कि मदन सिंह बिष्ट एक साधारण किसान परिवार से आते हैं और अपने संघर्षों के बलबूते राजनीति में मजबूत स्थिति में पहुंचे हैं।
उनकी पत्नी भी जिला पंचायत अध्यक्ष हैं और दोनों जनता के सच्चे प्रतिनिधि माने जाते हैं। धीरेंद्र प्रताप ने मांग की कि विधानसभा में हुए इस घटनाक्रम को लेकर मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल को सार्वजनिक रूप से माफी मांगनी चाहिए, साथ ही स्पीकर ऋतु खंडूरी को भी अपने पद की गरिमा बनाए रखते हुए खेद प्रकट करना चाहिए।
2027 में जनता लेगी बदला
धीरेंद्र प्रताप ने मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि वह उत्तराखंड के सबसे असंयमित और अशोभनीय व्यवहार वाले विधायक हैं। उन्होंने कहा कि जनता ने उन्हें अभी तक बख्शा हुआ है, लेकिन उनके शब्दों और कार्यों का हिसाब आने वाले 2027 के विधानसभा चुनाव में जरूर लिया जाएगा।