देहरादून : उत्तराखंड सरकार द्वारा सख्त भू-कानून को मंजूरी देने के फैसले का प्रदेश में व्यापक स्वागत किया जा रहा है। पूर्व केंद्रीय शिक्षा मंत्री और उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमेश पोखरियाल ‘निशंक’ ने इसे ऐतिहासिक निर्णय करार देते हुए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और उनकी सरकार को बधाई दी।
डॉ. निशंक ने कहा, “यह केवल एक भू-कानून नहीं, बल्कि हमारी आने वाली पीढ़ियों के उज्ज्वल भविष्य को सुरक्षित करने का संकल्प है। यह निर्णय उत्तराखंड की जनता की वर्षों पुरानी मांग और उनकी भावनाओं के सम्मान में लिया गया है, जो प्रदेश की अस्मिता, संस्कृति और प्राकृतिक धरोहर को बचाने में अहम भूमिका निभाएगा।”
डबल इंजन सरकार का मजबूत संकल्प
डॉ. निशंक ने कहा कि केंद्र और राज्य सरकार मिलकर उत्तराखंड के विकास और आत्मनिर्भरता को प्राथमिकता दे रही हैं। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्र सरकार का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि उनके सहयोग से ही यह सपना साकार हो पाया है।
उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि इस सख्त भू-कानून का उद्देश्य प्रदेश के मूल स्वरूप और संसाधनों की रक्षा करना है। राज्य में अवैध भूमि खरीद-फरोख्त पर पहले ही मुख्यमंत्री धामी के निर्देशानुसार जांच शुरू हो चुकी है।
भाजपा प्रवक्ता खजान दास ने फैसले को बताया ऐतिहासिक, भाजपा प्रवक्ता और राजपुर विधायक खजान दास ने भू-कानून संशोधन विधेयक की कैबिनेट मंजूरी को ऐतिहासिक करार दिया। उन्होंने कहा कि यह निर्णय जनता से किए गए चुनावी वादों की पूर्ति की दिशा में एक बड़ा कदम है।
उन्होंने कहा, “सरकार की मंशा पहले से ही स्पष्ट थी। पिछले एक वर्ष में जिन मामलों में अवैध तरीके से भूमि खरीदी गई, उन सभी की जांच की जा रही है। दोषियों को किसी भी कीमत पर बख्शा नहीं जाएगा और उनकी संपत्तियां सरकार में निहित की जाएंगी।”
भट्ट बोले – भू-कानून उत्तराखंड के हित में बड़ा फैसला
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट ने कैबिनेट द्वारा पारित भू-कानून संशोधन विधेयक को जनता के हित में ऐतिहासिक निर्णय बताया। उन्होंने कहा कि यह कानून प्रदेश के भू-संसाधनों और सांस्कृतिक विरासत के संरक्षण में अहम भूमिका निभाएगा।
भट्ट ने कहा, “भाजपा शुरू से ही उत्तराखंड की अस्मिता और उसके प्राकृतिक संसाधनों की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध रही है। सीमित भू-संपदा को संरक्षित करना हमारी प्राथमिकता है। विधानसभा चुनाव में हमने कठोर भू-कानून लाने का वादा किया था, और आज मुख्यमंत्री धामी ने इस दिशा में ठोस कदम बढ़ाया है।”
उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री ने इस मुद्दे पर एक उच्च स्तरीय समिति का गठन किया था, जिसने सभी हितधारकों से विचार-विमर्श कर अपनी रिपोर्ट तैयार की। कैबिनेट से मंजूरी मिलने के बाद यह विधेयक अब विधानसभा में चर्चा के लिए प्रस्तुत किया जाएगा।
कांग्रेस पर लगाया भ्रम फैलाने का आरोप
भट्ट ने विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा कि कांग्रेस इस मुद्दे पर जनता को गुमराह कर रही है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस सरकार के कार्यकाल में संसाधनों का अंधाधुंध दोहन हुआ, जिससे राज्य की भूमि और पर्यावरण को नुकसान पहुंचा।
उन्होंने विपक्षी विधायकों से अपील की कि वे सदन में आकर रचनात्मक बहस करें, ताकि अंतिम रूप से तैयार होने वाला कानून जनभावनाओं और राज्य हित के अनुरूप हो।