देहरादून : देहरादून के सरकारी विद्यालय अब बदलते नजर आ रहे हैं। जिलाधिकारी सविन बंसल के नेतृत्व में चल रहे “प्रोजेक्ट उत्कर्ष” ने पहले चरण में 94 लाख रुपये खर्च कर 687 स्कूलों में स्मार्ट क्लासेस, वाइट बोर्ड, शौचालय, और रोशनी जैसी बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध कराईं।
अब दूसरे चरण में 1 करोड़ रुपये से विद्यालयों को आधुनिक बनाने का लक्ष्य है। डीएम बंसल का कहना है कि इससे सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों को प्राइवेट स्कूलों के बराबर शैक्षिक माहौल मिलेगा।
पुलिस ने भी बढ़ाया कदम, एक स्कूल को गोद लेगी दून पुलिस
इस पहल से प्रभावित होकर देहरादून पुलिस ने भी एक सरकारी विद्यालय को गोद लेने की घोषणा की है। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक अजय सिंह ने कहा कि प्रोजेक्ट उत्कर्ष बच्चों के भविष्य के लिए वरदान साबित हो रहा है। पुलिस विभाग स्कूल में आवश्यक संसाधन जुटाकर बच्चों के सुरक्षित वातावरण के प्रति अपनी जिम्मेदारी निभाएगा।
आपदा प्रबंधन और नकलविहीन परीक्षाओं पर जोर
जिलाधिकारी ने स्कूलों को आपदा प्रबंधन प्रशिक्षण अनिवार्य करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि बच्चों को अग्नि सुरक्षा और भूकंप जैसी आपदाओं से बचाने के लिए शिक्षकों को प्रशिक्षित किया जाए। साथ ही, मुख्यमंत्री की प्राथमिकता के अनुसार, उत्तराखंड परिषदीय परीक्षा 2025 को नकलविहीन व शांतिपूर्ण बनाने के लिए अतिरिक्त सुरक्षा बल तैनात किए जाएंगे।
शिक्षकों से अपील, बच्चों की सुरक्षा और शिक्षा सुनिश्चित करें
मुख्य विकास अधिकारी अभिनव शाह ने अध्यापकों से स्कूलों में मूलभूत सुविधाओं की निगरानी करने और परीक्षा प्रक्रिया में पारदर्शिता बनाए रखने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि प्रोजेक्ट उत्कर्ष की नियमित समीक्षा की जा रही है, ताकि धन का सही उपयोग हो सके।