सिबिल स्कोर (CIBIL Score), जिसे क्रेडिट स्कोर भी कहते हैं, भारत में क्रेडिट लाइन प्राप्त करने की आपकी क्षमता को निर्धारित करता है। 300 से 900 के बीच रैंक होने वाले इस स्कोर में 600 से अधिक अंक “अच्छा” माना जाता है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि इस स्कोर का खराब होना आपके वित्तीय लक्ष्यों में कितनी बड़ी बाधा बन सकता है?
1. लोन मंजूरी में बढ़ती चुनौतियाँ
वित्तीय संस्थान लोन देते समय CIBIL स्कोर को प्राथमिकता देते हैं। 600 से कम स्कोर होने पर संस्थान आपके भुगतान इतिहास पर संदेह करते हैं, जिससे लोन अप्रूवल की संभावना कम हो जाती है। बैंकों का मानना है कि खराब स्कोर वाले उधारकर्ता समय पर EMI नहीं चुका पाएँगे।
2. ब्याज दरों पर पड़ता है सीधा असर
अगर लोन मिल भी जाए, तो खराब स्कोर वाले लोगों को 2-4% अधिक ब्याज दर चुकानी पड़ सकती है। बैंक “जोखिम प्रीमियम” के तहत अपने नुकसान को कवर करने के लिए यह कदम उठाते हैं। उदाहरण के लिए, 8% की बजाय 12% ब्याज दर से 10 लाख के लोन पर 4 वर्षों में 48,000 रुपए अतिरिक्त चुकाने होंगे।
3. बीमा पॉलिसियों में बढ़ता खर्च
बीमा कंपनियाँ भी CIBIL स्कोर का उपयोग ग्राहकों के जोखिम स्तर को मापने के लिए करती हैं। खराब स्कोर होने पर टर्म इंश्योरेंस या हेल्थ इंश्योरेंस के प्रीमियम में 10-15% तक की वृद्धि हो सकती है।
4. पर्सनल/होम लोन की संभावना शून्य
अधिकांश बैंक पर्सनल लोन के लिए न्यूनतम 750 स्कोर की माँग करते हैं। वहीं, होम लोन में प्रॉपर्टी के बाजार मूल्य का केवल 60-70% ही ऋण दिया जाता है। इसके अतिरिक्त, किरायेदारी अनुबंध या बिजनेस लोन की स्वीकृति भी मुश्किल हो जाती है।
5. लोन प्रोसेसिंग में विलंब
खराब सिबिल स्कोर वाले आवेदकों के दस्तावेजों (जैसे आय प्रमाणपत्र, बैंक स्टेटमेंट) की अतिरिक्त जाँच की जाती है, जिससे लोन स्वीकृति में 15-20 कार्यदिवसों तक की देरी हो सकती है।
सिबिल स्कोर सुधारने के 3 प्रमुख तरीके
- क्रेडिट कार्ड बिल समय पर चुकाएँ – यदि आपके पास क्रेडिट कार्ड है, तो हर महीने कुल बिल का 100% भुगतान करें।
- क्रेडिट यूटिलाइजेशन रेशियो 30% तक रखें – जैसे, यदि आपका कार्ड लिमिट 1 लाख है, तो 30,000 रुपए से अधिक खर्च न करें।
- पुराने लोन अकाउंट बंद करें – चुकाए गए लोन को CIBIL रिपोर्ट से हटवाने के लिए बैंक से संपर्क करें।