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Dehradun News : DM की निगरानी में बदल रहा है देहरादून, कुठालगेट सौंदर्यीकरण से पर्यटन को मिलेगा बूस्ट

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Dehradun News : देहरादून का कुठालगेट अब केवल एक चौराहा नहीं, बल्कि उत्तराखंड की समृद्ध संस्कृति और आधुनिक विकास का प्रतीक बनने जा रहा है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के मार्गदर्शन और जिलाधिकारी सविन बंसल की दूरदर्शी सोच ने इस क्षेत्र को नई पहचान दी है।

कुठालगेट में नई स्लिप रोड, सौंदर्यीकरण और पर्वतीय संस्कृति के प्रदर्शन का कार्य युद्धस्तर पर चल रहा है, जो मानसून से पहले पूरा होने की राह पर है। यह परियोजना न केवल यातायात को सुगम बनाएगी, बल्कि पर्यटकों को पहाड़ी संस्कृति की झलक भी देगी।

सविन बंसल का विजन

जिलाधिकारी सविन बंसल ने कुठालगेट को सिर्फ दुर्घटना न्यूनीकरण का माध्यम नहीं बनाया, बल्कि इसे एक सांस्कृतिक केंद्र के रूप में विकसित करने का सपना देखा। गहन विश्लेषण और स्थलीय निरीक्षण के बाद, प्रशासन ने कुठालगेट पर दो नई मोटोरेबल स्लिप रोड बनाईं, जो यातायात को सुचारु करेंगी और जाम की समस्या से निजात दिलाएंगी।

सविन बंसल स्वयं इस परियोजना की निगरानी कर रहे हैं, जिससे यह सुनिश्चित हो सके कि कार्य समय पर और गुणवत्ता के साथ पूरा हो। उनकी कार्यशैली में तेजी और पारदर्शिता झलकती है, जो इस परियोजना को और भी खास बनाती है।

परंपरा और आधुनिकता का अनूठा मेल

कुठालगेट का सौंदर्यीकरण पारंपरिक पहाड़ी शैली में किया जा रहा है, जो उत्तराखंड की लोक संस्कृति को जीवंत करेगा। यहाँ आने वाले पर्यटक न केवल सुगम यातायात का लाभ उठाएंगे, बल्कि पर्वतीय धरोहरों और कला को भी करीब से देख सकेंगे। मुख्यमंत्री की “संस्कृति और परंपरा संवर्धन” की अवधारणा को साकार करते हुए, यह परियोजना विकास और सांस्कृतिक संरक्षण का शानदार उदाहरण है। स्लिप रोड के निर्माण से दुर्घटनाओं में कमी आएगी, जबकि सौंदर्यीकरण पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र बनेगा।

समयबद्धता और पारदर्शिता 

कुठालगेट परियोजना की सबसे बड़ी खासियत है इसकी समयबद्धता। जिलाधिकारी ने अधिकारियों और ठेकेदारों को सख्त निर्देश दिए हैं कि मानसून से पहले सभी कार्य पूरे हों। इसके लिए संसाधनों को दोगुना किया गया है, और मैनपावर, मशीनरी व सामग्री की कोई कमी नहीं छोड़ी जा रही। सविन बंसल ने अपने कार्यकाल के शुरुआती महीनों में ही इस परियोजना का डिजाइन, सर्वे और कॉन्सेप्ट तैयार कर लिया था, जो उनकी कार्यकुशलता को दर्शाता है। धनराशि के संगठन से लेकर कार्यान्वयन तक, हर कदम पर पारदर्शिता बरती गई है।

पर्यटकों और स्थानीय लोगों के लिए वरदान

कुठालगेट का नया स्वरूप न केवल देहरादून के निवासियों, बल्कि लाखों पर्यटकों के लिए भी राहत लेकर आएगा। यातायात की सुगमता, दुर्घटनाओं में कमी और सांस्कृतिक प्रदर्शन का अनुभव इस क्षेत्र को एक अनूठा पर्यटन स्थल बनाएगा। यह परियोजना उत्तराखंड की पहचान को और मजबूत करेगी, क्योंकि यहाँ आने वाले पर्यटक पहाड़ी संस्कृति की यादें अपने साथ ले जाएंगे। स्थानीय लोगों के लिए, यह चौराहा अब जाम और असुविधा का पर्याय नहीं, बल्कि गर्व का विषय होगा।

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