देहरादून : देहरादून से एक बड़ी खबर सामने आ रही है, जहां माननीय मुख्यमंत्री की प्रेरणा से जिला प्रशासन ने वन पंचायतों के लिए एक ऐतिहासिक कदम उठाया है। पहली बार हर वन पंचायत को 15-15 हजार रुपये की आर्थिक मदद दी जाने वाली है। यह पहल न सिर्फ वन पंचायतों को मजबूत करेगी, बल्कि वनाग्नि जैसी आपदाओं को रोकने में भी कारगर साबित होगी।
जिला प्रशासन ने इस दिशा में ठोस योजना बनाई है, जिसके तहत 19 मार्च को चिरमिरी टॉप, चकराता में नव गठित वन पंचायतों का एक भव्य महाधिवेशन आयोजित किया जाएगा। इस कार्यक्रम में जिलाधिकारी सविन बंसल खुद मौजूद रहकर इस पहल को आगे बढ़ाएंगे।
इस महाधिवेशन का उद्देश्य वन पंचायतों को उनके अधिकारों और जिम्मेदारियों के प्रति जागरूक करना है। पहली बार किसी जिले में वन पंचायतों को वनाग्नि रोकथाम के लिए पर्याप्त धनराशि दी जा रही है, जो आपदा प्रबंधन कोष से प्रदान की जाएगी। यह कदम न केवल जंगलों को आग से बचाने में मदद करेगा, बल्कि फायर वाचर्स की कार्य क्षमता को भी बढ़ाएगा।
इसके अलावा, जिलाधिकारी इसी दिन कोटी कनासर में 200 नव गठित वन पंचायतों के एक अन्य सम्मेलन में भी हिस्सा लेंगे। इस दौरान वन पंचायतों को सशक्त बनाने के लिए कई अहम फैसले लिए जाएंगे।
यह पहल देहरादून जिले के लिए एक मिसाल बन सकती है। वन पंचायतों को आर्थिक सहायता और जागरूकता से न सिर्फ उनकी आय में बढ़ोतरी होगी, बल्कि जंगल और पर्यावरण की सुरक्षा भी सुनिश्चित होगी। जिलाधिकारी सविन बंसल का कहना है कि यह कदम वन पंचायतों के सुदृढ़ीकरण के साथ-साथ स्थानीय स्तर पर रोजगार और जिम्मेदारी को बढ़ावा देगा। 19 मार्च को होने वाला यह आयोजन पर्यावरण संरक्षण और स्थानीय प्रशासन की सक्रियता का एक शानदार उदाहरण होगा।