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Uttarakhand Weather Update : उत्तराखंड में 3 दिन तक मौसम लेगा खतरनाक रूप, जानें कब और कहां होगी बारिश

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देहरादून : उत्तराखंड में मौसम एक बार फिर करवट लेने वाला है। पश्चिमी विक्षोभ के सक्रिय होने के कारण 26 फरवरी से लेकर 28 फरवरी तक प्रदेश के ज्यादातर इलाकों में बारिश और ऊंचाई वाले पहाड़ी क्षेत्रों में बर्फबारी की संभावना जताई गई है। मौसम विज्ञान केंद्र, देहरादून के निदेशक विक्रम सिंह ने बताया कि इस दौरान मौसम का मिजाज पूरी तरह बदल सकता है।

क्या आपने कभी सोचा कि प्रकृति इतनी जल्दी अपने रंग कैसे बदल लेती है? खैर, इस बार मौसम विभाग ने भी साफ संकेत दे दिए हैं कि आने वाले दिनों में उत्तराखंड के लोगों को बारिश, बर्फबारी और थंडरस्टॉर्म का सामना करना पड़ सकता है।

विक्रम सिंह के मुताबिक, 26 फरवरी की शाम से मौसम में बदलाव शुरू होगा। इस दिन देहरादून, टिहरी और उत्तरकाशी जैसे जिलों में हल्की से मध्यम बारिश के साथ-साथ रेन थंडरस्टॉर्म की गतिविधियां देखने को मिल सकती हैं। इतना ही नहीं, कुछ इलाकों में ओलावृष्टि और बिजली चमकने की भी आशंका है।

अगले दिन यानी 27 फरवरी को हालात और गंभीर हो सकते हैं। उत्तरकाशी, रुद्रप्रयाग, चमोली, टिहरी, पिथौरागढ़ और बागेश्वर जैसे पहाड़ी जिलों में 3500 मीटर से अधिक ऊंचाई वाले क्षेत्रों में भारी बर्फबारी होने के आसार हैं। मौसम विभाग ने इन जिलों के लिए येलो अलर्ट जारी किया है, जो संकेत देता है कि सावधानी बरतना बेहद जरूरी होगा।

28 फरवरी को मौसम और भी चुनौतीपूर्ण हो सकता है। देहरादून, रुद्रप्रयाग, चमोली, पिथौरागढ़ और बागेश्वर जिलों में भारी बारिश की संभावना है। साथ ही 3000 मीटर से ऊंचे इलाकों में भारी हिमपात के लिए ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है। विक्रम सिंह ने यह भी बताया कि अगले दो से तीन दिनों तक थंडरस्टॉर्म की गतिविधियां बढ़ेंगी।

बादलों की गरज के साथ ओलावृष्टि और बिजली चमकने का सिलसिला जारी रह सकता है। ऐसे में पहाड़ी रास्तों पर यात्रा करने वालों को खास सतर्कता बरतने की सलाह दी गई है। क्या यह बदलता मौसम उत्तराखंड की खूबसूरती को और निखारेगा या मुश्किलें खड़ी करेगा? यह तो आने वाला वक्त ही बताएगा।

मौसम विभाग की यह चेतावनी कोई नई बात नहीं है। हर साल पश्चिमी विक्षोभ उत्तराखंड में मौसम को प्रभावित करता है, लेकिन इस बार इसकी तीव्रता और समय थोड़ा अलग हो सकता है। विशेषज्ञों का कहना है कि थंडरस्टॉर्म और ओलावृष्टि जैसी प्राकृतिक गतिविधियां न सिर्फ मौसम को ठंडा करेंगी, बल्कि कुछ इलाकों में नुकसान की आशंका भी बढ़ा सकती हैं। इसलिए स्थानीय प्रशासन को भी अलर्ट पर रहने की जरूरत है। उत्तराखंड के निवासियों और पर्यटकों के लिए यह समय सावधानी और तैयारी का है।

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