देहरादून : देहरादून में अवैध शराब की तस्करी और बिक्री पर दून पुलिस ने कड़ा प्रहार किया है। अलग-अलग थाना क्षेत्रों में चलाए गए विशेष अभियान में पुलिस ने एक महिला समेत 10 अभियुक्तों को गिरफ्तार किया। क्या आपने कभी सोचा कि हमारे शहर में नशे का यह कारोबार कितनी तेजी से फैल रहा है?
इस बार पुलिस ने न सिर्फ तस्करों को पकड़ा, बल्कि उनके कब्जे से करीब आठ पेटी देसी शराब और एक पेटी अंग्रेजी शराब भी बरामद की। इतना ही नहीं, तस्करी में इस्तेमाल किया गया वाहन भी जब्त कर लिया गया। यह कार्रवाई वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) देहरादून के सख्त निर्देशों का नतीजा है, जिन्होंने अपने अधीनस्थों को अवैध मादक पदार्थों के खिलाफ कठोर कदम उठाने का आदेश दिया था।
ऋषिकेश कोतवाली क्षेत्र में पुलिस ने सबसे बड़ी कार्रवाई की। बीते 24 फरवरी 2025 को यहां आठ तस्करों को धर दबोचा गया। इनमें शैलेन्द्र कुमार पटेल, सुशील कुमार, हैप्पी जाटव जैसे नाम शामिल हैं। इनके पास से 36 पव्वे मैक्डावल्स व्हिस्की, 51 टेट्रा पैक माल्टा देशी शराब और अन्य सामान बरामद हुआ।
पुलिस ने बताया कि एक अभियुक्त कामेन्द्र के पास से स्कूटी भी जब्त की गई, जिसका इस्तेमाल तस्करी के लिए हो रहा था। यह देखकर हैरानी होती है कि किस तरह आम लोग भी इस गैरकानूनी धंधे में लिप्त हो रहे हैं। इन सभी के खिलाफ आबकारी अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज कर लिया गया है।
वहीं, सेलाकुई थाना क्षेत्र में भी पुलिस ने अपनी पैनी नजर बनाए रखी। यहां 24 फरवरी को करण नाम के एक शख्स को 60 टेट्रा पैक देशी शराब के साथ पकड़ा गया। दूसरी ओर, रानीपोखरी थाना क्षेत्र में आज यानी 25 फरवरी को एक महिला अभियुक्ता कृष्णा देवी को गिरफ्तार किया गया।
उसके पास से 55 पाउच टेट्रा पैक शराब मिली। यह मामला इसलिए भी चौंकाने वाला है, क्योंकि इसमें एक महिला का शामिल होना समाज में नशे की गहरी पैठ को दर्शाता है। क्या यह हमारे लिए चेतावनी नहीं है कि इस समस्या को जड़ से खत्म करने की जरूरत है?
दून पुलिस का यह अभियान अभी थमा नहीं है। एसएसपी के निर्देशों के बाद सभी थाना क्षेत्रों में लगातार चेकिंग चल रही है। सूत्रों की मानें तो आने वाले दिनों में और सख्ती देखने को मिल सकती है। समाज में नशे की बढ़ती मांग और आपूर्ति को रोकने के लिए यह कदम कितना कारगर होगा, यह तो वक्त बताएगा।
लेकिन इतना तय है कि पुलिस की इस ताबड़तोड़ कार्रवाई से तस्करों में खौफ जरूर पैदा हुआ है। देहरादून जैसे शांत शहर को नशे का गढ़ बनने से बचाने के लिए ऐसी पहल बेहद जरूरी है।