देहरादून : दून यूनिवर्सिटी में आयोजित एक विशेष इंटरेक्शन कार्यक्रम में एसएसपी देहरादून ने कम्युनिटी पुलिसिंग के महत्व पर जोर देते हुए इसे समाज और पुलिस के बीच आपसी विश्वास और सहयोग बढ़ाने का माध्यम बताया। यह कार्यक्रम Doon Geographical Society द्वारा आयोजित किया गया, जिसमें वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक, अधीक्षक देहरादून ने दीप प्रज्वलित कर शुभारंभ किया।
कम्युनिटी पुलिसिंग: एक सामाजिक जुड़ाव कार्यक्रम के दौरान एसएसपी ने बताया कि प्रत्येक पुलिसकर्मी समाज का ही एक हिस्सा होता है, जो वर्दी पहनकर अपनी जिम्मेदारियों का निर्वहन करता है। उन्होंने यह भी समझाया कि आम नागरिक भी कम्युनिटी पुलिसिंग के तहत बिना वर्दी वाले पुलिसकर्मी होते हैं, जो समाज की सुरक्षा में अहम भूमिका निभा सकते हैं। इस रणनीति का मुख्य उद्देश्य अपराधों की रोकथाम, सामाजिक सुरक्षा को मजबूत बनाना और पुलिस तथा जनता के बीच सौहार्दपूर्ण संबंध स्थापित करना है।
समाज में पुलिस की धारणा बदलने की जरूरत एसएसपी ने बताया कि आमतौर पर पुलिस को लेकर समाज में नकारात्मक धारणा बनी रहती है। इसका कारण यह है कि पुलिस कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए सख्त कदम उठाती है, चाहे वह यातायात नियमों के उल्लंघन पर चालान हो या अन्य कानूनी कार्रवाई। हालांकि, इन कदमों का उद्देश्य समाज की सुरक्षा और बेहतरी सुनिश्चित करना है, न कि किसी व्यक्ति विशेष को परेशान करना।
छात्रों की शंकाओं का समाधान इस संवाद सत्र में एसएसपी ने छात्रों द्वारा पूछे गए प्रश्नों के उत्तर दिए और कम्युनिटी पुलिसिंग की अवधारणा, उसकी जरूरत और महत्व के बारे में विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने छात्रों को समाज और पुलिस के बीच आपसी सहयोग बढ़ाने और सामुदायिक पुलिसिंग को प्रोत्साहित करने के लिए प्रेरित किया।
कार्यक्रम में उपस्थित प्रमुख व्यक्ति इस कार्यक्रम में दून यूनिवर्सिटी भूगोल विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. अभिजीत सहाय, ज्यॉग्रॉफिकल सोसाइटी की अध्यक्ष श्रीमती इशु, उपाध्यक्ष अनिरुद्ध कुमार यादव सहित अन्य पदाधिकारी और बड़ी संख्या में छात्र-छात्राएं मौजूद रहे।