देहरादून : भाजपा के प्रदेश मीडिया प्रभारी मनवीर सिंह चौहान ने स्मार्ट बिजली मीटर को लेकर कांग्रेस के विरोध को अनुचित और राजनीति से प्रेरित बताया। उन्होंने कहा कि यह मीटर उपभोक्ताओं और प्रदेश की अर्थव्यवस्था के लिए बेहद जरूरी है।
चौहान ने कांग्रेस के आरोपों को भ्रामक बताते हुए कहा कि उनका विरोध बिजली चोरी रोकने की प्रक्रिया में बाधक बन रहा है। इससे साफ है कि कांग्रेस नहीं चाहती कि राज्य की अर्थव्यवस्था में सुधार हो और उपभोक्ताओं को आधुनिक सुविधाएं मिलें।
स्मार्ट मीटर से उपभोक्ताओं को क्या लाभ?
चौहान ने कहा कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी जनहित को लेकर गंभीर हैं। हाल ही में उन्होंने उच्च हिमालयी क्षेत्रों में 200 यूनिट और मैदानी क्षेत्रों में 100 यूनिट बिजली मुफ्त देने की घोषणा की।
स्मार्ट मीटर से उपभोक्ताओं को कई सुविधाएं मिलेंगी, जैसे:
- बिजली खपत की ऑनलाइन जानकारी
- मोबाइल ऐप पर मीटर की पूरी डिटेल
- आसान बिल भुगतान विकल्प
- समय पर बिजली खपत का पूरा विवरण
- बिलिंग में पारदर्शिता और लेट फीस से राहत
स्मार्ट मीटर की अनिवार्यता और राष्ट्रीय योजना
देशभर में 20 करोड़ स्मार्ट मीटर लगाने की योजना स्वीकृत हुई है। अब तक 26 विद्युत वितरण कंपनियों को यह कार्य सौंपा जा चुका है, और 55 लाख से अधिक स्मार्ट कनेक्शन स्थापित किए जा चुके हैं। उत्तराखंड में भी इसके लिए कार्यदायी संस्थाओं का चयन कर लिया गया है।
चौहान ने बताया कि स्मार्ट मीटर से उपभोक्ता स्वयं अपने बिजली खर्च पर नियंत्रण रख सकेंगे। साथ ही, यह मीटर सोलर नेट मीटरिंग के लिए भी उपयोगी होगा। सरकार उपभोक्ताओं से कोई इंस्टॉलेशन शुल्क नहीं ले रही है।
विपक्ष का विरोध राजनीति से प्रेरित
भाजपा प्रवक्ता ने कांग्रेस के विरोध को राजनीति से प्रेरित बताते हुए कहा कि यह पार्टी बिजली सुधारों का विरोध कर रही है। स्मार्ट मीटर से बिजली चोरी रोकी जा सकेगी, जिससे विद्युत विभाग की आर्थिक स्थिति मजबूत होगी। चौहान ने कांग्रेस से अपील की कि वह प्रदेश हित में नकारात्मक राजनीति से बचे।