वर्ल्ड रिकॉर्ड से सम्मानित बुलंदी संस्था ने डायट गौचर में आयोजित की कवि सम्मेलन

कर्णप्रयाग / गौचर (ललिता प्रसाद लखेड़ा): वर्ल्ड रिकॉर्ड से सम्मानित बुलंदी संस्था ने रविवार को यहां जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान डायट गौचर (चमोली) के सभागार में कवि सम्मेलन आयोजित कर समसामयिकी विषयों पर अपनी स्वयं की रचित कविताऐं प्रस्तुत की गई। बुलंदी संस्था द्वारा आयोजित कवि सम्मेलन में संस्था के संस्थापक विवेक बादल बाजपुरी नें कहा कि कविताएं हमारे जीवन की नीरसता को मिटाती हैं और कविता लेखन दूसरे के हित से जुड़ा होता है।

इसलिए कविता लेखन हमारी सांस्कृतिक धरोहर है। उन्होंने इस मौके पर स्वतंत्रता सेनानी नारायण दत्त बहुगुणा के साहित्यिक व सामाजिक योगदान को भी याद किया । कार्यक्रम के मुख्य अतिथि डाइट प्राचार्य आकाश सारस्वत नें कहा कि सृजनात्मक प्रतिभाओं का सम्मान होना चाहिए। सम्मेलन में अपनी रचना पेश करते हुए कवियत्री संगीता बहुगुणा ने किंचित खबरें हृदय पटल पर रोज नई सी लगती है इसलिए अखबार पुराना कभी कभी मैं पढ़ लेती हूं, रचनाएं प्रस्तुत की।

प्रवक्ता डा० दिनेश भट्ट ने खिल गये होंगे बसंती फूल दर दर, अब नहीं रहना शहर में गांव अपने मुल्क से शहरी जीवन में गांव की याद को ताजा किया । तनुजा मैठाणी ने बेटियां हैं रोशनी की किरण, उनके बिना सूनी जीवन की झलक रचना से बेटियों से घर की रौनक का चित्रण किया गया। शिक्षिका सरोज डिमरी ने अथाह सागर है जग निराला, सुख दुःख ही है प्रेम का प्याला कविता पेश किया।

इसके अलावा विभिन्न क्षेत्रों से आए अन्य रचनाकारों नें अपनी रोचक कविताएं पेश की। इस मौके पर स्थानीय कीर्तन मंडलियों ने रोचक सांस्कृतिक कार्यक्रम भी प्रस्तुत किये। कार्यक्रम में पूर्व पालिकाध्यक्ष अंजू बिष्ट, सामाजिक कार्यकर्ता महादेव प्रसाद बहुगुणा, राकेश शैली, पवित्रा बिष्ट, जयकृत बिष्ट, पुष्पा कनवासी आदि मौजूद रहे।

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