देहरादून (एजेंसी)। बंद पड़ी बीमा पालिसी को सक्रिय कराते हुए उसके प्रीमियम का लाखों रुपये भुगतान दिलाने का झांसा देकर दून निवासी से तीस लाख रुपये की ठगी करने वाले गैंग के एक आरोपी को साइबर क्राइम थाना पुलिस ने गिरफ्तार किया है। आरोपियों ने बीमा लोकपाल, एनपीसीआई और आईआरडीएआई अफसर बनाकर यह ठगी की। गैंग में शामिल अन्य आरोपियों की एसटीएफ तलाश कर रही है।
एसएसपी एसटीएफ आयुष अग्रवाल ने बताया कि साइबर अपराधी आम जनता की गाढ़ी कमाई हड़पने के लिए कई तरीके अपनाते हैं। आईआरडीएआई, एनपीसीआई और बीमालोकपाल के नाम का उपयोग कर भी बंद पड़ी बीमा पालिसा का भुगतान दिलाने का झांसा देकर लोगों को चूना लगाते हैं। ऐसे एक मामले में उमेश चंद्र जोशी निवासी आशीर्वाद एंक्लेव बल्लूपुर ने केस दर्ज कराया।
कहा कि उन्होंने एक बीमा पालिसी कराई थी। जिसका काफी समय से भुगतान नहीं कर पाए। आरोप है कि उनकी इस बीमा पालिसी की जानकारी जुटाकर साइबर ठगों ने पीड़ित को चूना लगाया। गुमराह किया कि उनकी बीमा पालिसी में जमा हुई रकम प्रीमियम समेत वापस की जानी है। इसके बाद पालिसी की पूरी मेच्योर राशि दिलाने का झांसा देकर पीड़ित से रकम जमा करवानी शुरू की।
अलग-अलग झांसे देकर आरोपियों ने पीड़ित से अपने दिए बैंक खातों में करीब तीस लाख रुपये जमा करवा लिए। इतनी रकम साइबर ठगों के खाते में जमा करने के बाद पीड़ित को समझ आया कि उसके साथ साइबर धोखाधड़ी हो रही है। साइबर क्राइम थाने में केस दर्ज कर जांच की गई है। जांच में पता लगा कि साइबर ठगी में शामिल एक आरोपी नोएडा में मौजूद है।
वहां दबिश देकर एसटीएफ टीम ने गौरव अग्रवाल (28) पुत्र विपिन अग्रवाल मूल निवासी काशीरामपुरा कॉलोनी थाना बड़ौत जिला बागपत हाल निवासी गोपाल अपार्टमेंट बेहरामपुर नोएडा को गिरफ्तार किया। आरोपी से पूछताछ में पता लग कि वह बीमा कंपनी के एजेंट बनकर लोगों से साइबर ठगी करते हैं। आरोपी देशभर में कई लोगों को इस तरह चूना लगा चुके हैं।