देहरादून। तकनीकि सुविधा लोगों को जितना आराम और आधुनिकता दे रही है। उतने ही खतरे भी बढ़ गए हैं। आर्टिफिशियल इंटेलीजेंसी (एआई) का इस्तेमाल करके साइबर ठग गंभीर अपराधों में फंसाने का डर दिखा रहे हैं और लोगों के बैंक खातों को खाली कर रहे हैं।
अब ठगों ने ‘डिजिटल अरेस्ट’ का नया तरीका इजाद किया है। हल्द्वानी के मुखानी में सॉफ्टवेयर इंजीनियर को साइबर ठगों ने ‘डिजिटल अरेस्ट’ कर युवक से एक लाख रुपये अपने खातों में ट्रांसफर करवा लिए। कुमाऊं मंडल के अलग-अलग जिलों में सिम कार्ड, ड्रग्स और विदेशी मुद्रा पकड़े जाने, दुष्कर्म में फंसने का डर दिखाकर बैंक खातों से रुपये अपने खातों में डलवाने के कई मामले सामने आ चुके हैं।
नकली थाना और कूरियर बॉक्स होता है तैयार: वीडियो कॉल पर जालसाज एक डमी स्थान को तैयार करते हैं। यह जगह उस कार्यालय से मिलती जुलती होती है जिस विभाग के अधिकारी बनकर ठग फोन कॉल करते हैं। जिस कूरियर बॉक्स का डर पीड़ित को दिखाया जाता है, वह और उसका सामान नकली होता है। उसे देखते ही पीड़ित झांसे में आ जाते हैं। पीड़ित ठगों को डर के कारण रकम ट्रांसफर कर देते हैं।
बच्चों को गिरफ्तार करने की मिलती है धमकी: कई बार जालसाज फोन कॉल करके पीड़ित के बच्चों को दुष्कर्म, चोरी, ड्रग्स सप्लाई करने जैसे मामलों में गिरफ्तार करने की बात कहकर डराते हैं। इसके बाद मामला रफादफा करने या फिर मुकदमे से नाम निकालने का झांसा देकर ऑनलाइन रुपये ट्रांसफर कराते हैं।
केस-वन
13 मार्च को मुखानी निवासी एक योगा क्लास संचालिका के पास फोन कर जालसाज ने खुद को विदेशी नागरिक बताया। क्लास करने का लालच देखकर कूरियर के माध्यम से रुपये भेजने की बात कही। कुछ दिन बाद कूरियर में विदेशी मुद्रा का डर दिखाकर जालसाज ने युवती से 1.97 लाख रुपये की ठगी कर ली।
केस-दो
मार्च अंतिम सप्ताह में एक सामाजिक कार्यकर्ता को फोन कर जालसाजों ने बेटे के गिरफ्तार होने की सूचना दी। ठग ने गैंगरेप के मामले में पीड़ित के बेटे को गिरफ्तार करने की बात कही और खुद को दिल्ली क्राइम ब्रांच का अधिकारी बताया। सामाजिक कार्यकर्ता की सूझबूझ के चलते उन्होंने खुद को ठगी से बचाया और मामले की शिकायत पुलिस से भी की।
डिजिटल अरेस्ट के मामले हाल फिलहाल में लगातार सामने आ रहे हैं। अभी तक नैनीताल जिले में कूरियर बॉक्स के नाम पर ठगी के 4 और बच्चों को गिरफ्तार करने के नाम पर ठगी के करीब पांच से सात मामले सामने आ चुके हैं। दर्जन भर मामले ऐसे भी हैं जिनमें पीड़ितों ने लोकलाज के डर से मुकदमा दर्ज नहीं कराया है। दर्ज हुए सभी मामलों की जांच की जा रही है।
सुमित पांडे, सीओ स्पेशल ऑपरेशन
इन बातों का रखें ध्यान
-अंजान नंबर से आने वाले किसी भी फोन कॉल पर व्यक्तिगत, व्यवसायिक और पारिवारिक जानकारी न दें।
-विदेशी कूरियर में आपके आधार कार्ड के लगे होने या किसी तरह के मामले में संलिप्तता की धमकी मिले तो डरें नहीं।
-वीडियो कॉल पर कतई न जुड़ें, तुरंत नंबर ब्लॉक कर साइबर पुलिस या स्थानीय पुलिस थाने में शिकायत करें।