देहरादून। उत्तराखंड क्रांति दल कार्यालय में स्थापना दिवस मनाने पहुंचे दर्जनों कार्यकर्ताओं को कार्यक्रम में नहीं घुसने दिया गया। गौरतलब है कि यूकेडी से निष्कासित सदस्यों के निष्कासन वापसी के निर्णय के बाद सदस्यों के साथ दर्जनों कार्यकर्ता यूकेडी कार्यालय पहुंचे थे लेकिन उन्हें वहां पर स्थापना दिवस समारोह में प्रवेश करने से रोक दिया गया।
यूकेडी कार्यकर्ताओं ने पुलिस को निष्कासन वापसी से संबंधित अखबार की कटिंग भी बताई लेकिन शीर्ष नेतृत्व के इशारे पर पुलिस ने निष्कासित सदस्यों और अन्य कार्यकर्ताओं को समारोह में शामिल होने से इनकार कर दिया।
जिसके बाद यूकेडी कार्यकर्ताओं द्वारा कार्यालय के बाहर ही जमकर शीर्ष नेताओं के खिलाफ नारेबाजी की गई।
बढ़ते बवाल को देखते हुए पहले से कार्यालय के बाहर लगी उत्तराखंड पुलिस द्वारा यूकेडी नेता शिवपसाद सेमवाल सहित उनके साथ सभी कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार कर लिया गया।
सभी को पुलिस लाइन ले जाया गया और कुछ समय बाद निजी मुचलके भरवा सभी को रिहा कर दिया गया।
यूकेडी नेता शिव प्रसाद सेमवाल ने कहा कि यूकेडी पूरी तरह से भाजपा की गोद में बैठ चुकी है और भाजपा के इशारे पर ही आज कर्मठ कार्यकर्ताओं के साथ स्थापना दिवस के दिन गिरफ्तारी जैसी बदसलूकी की गई है।
शिव प्रसाद सेमवाल ने केंद्रीय नेतृत्व पर सरकार के साथ मिलकर पुलिस प्रशासन का दुरुपयोग करने का आरोप लगाया।
यूकेडी महिला प्रकोष्ठ की अध्यक्ष का आरोप है कि शीर्ष नेतृत्व कुर्सी के लालच में उत्तराखंड क्रांति दल को लगातार खत्म कर रहा है।
जो उत्तराखंड क्रांति दल के हितेषी हैं वह इन सभी से बहुत आहत हैं।
कांग्रेस की जिला अध्यक्ष संजय डोभाल ने बताया कि 24- 25 जुलाई के दिन दल के गठन से लेकर आज तक अधिवेशन किया जाता था, जिसे इस बार मनमाने ढंग से नवंबर में कराया जा रहा है ,जबकि कार्यक्रम कार्यकारिणी एवं सभी जिला अध्यक्षों की सहमति के बाद पहले से तय हो चुका था।
यह लोग हुए गिरफ्तार
उत्तराखंड क्रांति दल के केंद्रीय मीडिया प्रभारी शिव प्रसाद सेमवाल महिला प्रकोष्ठ की केंद्रीय अध्यक्ष सुलोचना ईष्टवाल, जिला अध्यक्ष संजय डोभाल, शैलेंद्र गुसाईं, विनोद कोठियाल, राजेंद्र भट्ट, सरोज रावत, मंजू रावत, सुशीला पटवाल, यशोदा रावत , मनोरमा चमोली, प्रमोद कुमार डोभाल ,संजय तितोरिया, राधेश्याम, मोहन पाल गुसाईं, संजय कुमार, निर्मला भट्ट, विशन कंडारी, बेबी देवी, रजनी मिश्रा, इंदिरा देवी आदि तमाम पदाधिकारी और कार्यकर्ताओं को पुलिस गिरफ्तार करके पुलिस लाइन ले गई जहां पर 4 घंटे बाद उन्हें निजी मुचलके पर छोड़ा गया।