देहरादून- मुख्यमंत्री एवं भाजपा के विधायकों द्वारा दिल्ली में केदारनाथ धाम के प्रतीकात्मक मंदिर के शिलान्यास को उत्तराखंड कांग्रेस ने देवभूमि के धाम और हिंदू सनातन धर्म का घोर अपमान बताया है और उसका पुरजोर विरोध किया। संयुक्त बयान जारी करते हुए मुख्य प्रवक्ता गरिमा मेहरा दसौनी एवं प्रदेश प्रवक्ता शीशपाल बिष्ट ने इसको आस्था का मजाक बताते हुए कहा कि यह सनातन और वैदिक परंपरा का सीधा-सीधा अपमान है।
उसी तरह जैसे भाजपा ने पहले वैदिक परंपरा के विपरीत चार शंकराचार्यों के अलावा अपने दर्जनों शंकराचार्य बनाए अब ज्योतिर्लिंगों की महिमा के साथ भी खिलवाड़ किया जा रहा है। कांग्रेस प्रवक्ताओं ने कहा कि शिव पुराण के अनुसार 12 ज्योतिर्लिंगों में भगवान केदारनाथ जी का अपना एक स्थान है ,यदि अब ज्योतिर्लिंगों का भी प्रतीक बनाया जाएगा तो यह हिंदू सनातन धर्म के लिए न सिर्फ चिंताजनक है बल्कि बहुत ही घातक है।
आखिर भाजपा सरकारें सनातन की अपनी मनमानी व्याख्या क्यों कर रही हैं? चारों शंकराचार्यों से इस बारे में अनुमति ली गई या नहीं ली गई इस बारे में भी सरकार को स्पष्ट करना चाहिए। युगों युगों से केदारनाथ धाम की अपनी महिमा है और उसका अपना इतिहास है भाजपा उस इतिहास को अपने हिसाब से लिखना चाहती है। निश्चित तौर पर यह गलत है और इससे करोड़ों सनातन के अनुयायियों की भावनाएं आहत हुई हैं, इस पर सरकार को पुनर्विचार करना चाहिए वरना भारतीय जनता पार्टी समेत समूचे उत्तराखंड को इसका खामियाजा भुगतना पड़ेगा।