देहरादून: दुनिया के छठे सबसे बड़े आभूषण विक्रेता (ज्वेलरी रिटेलर) मलाबार गोल्ड एंड डायमंड्स ने ब्रिटेन के लीसेस्टर में अपने दूसरे शोरूम की शुरुआत की है. दुनिया के 13 देशों में मलाबार के 350 शोरूम हैं. लीसेस्टर के सिटी मेयर पीटर सोलस्बी ने नए शोरूम का उद्घाटन किया. मलाबार गोल्ड एंड डायमंड्स के एमडी (इंटरनेशनल ऑपरेशंस) शामलाल अहमद, मलाबार गोल्ड एंड डायमंड्स के ब्रिटेन और यूरोप के ऑपरेशंस प्रमुख मोहम्मद जियाद, मलाबार गोल्ड एंड डायमंड्स के रीजनल हेड संतोष टी, मलाबार गोल्ड एंड डायमंड्स के जोनल हेड नौफल थडाथिल, समूह के प्रबंधन टीम के अन्य सदस्य, ग्राहक और शुभचिंतक भी इस मौके पर उपस्थित थे.
नया शोरूम बेलग्रेव रोड के गोल्डन माइल पर स्थित है. यह 2,000 वर्ग फुट में फैला है और इसमें 20 देशों के 20,000 से अधिक डिजाइन वाले गहनों का शानदार कलेक्शन है. इस कलेक्शन में सोने, हीरे और अन्य बहुमूल्य धातुओं से बने ऐसे गहने शामिल हैं जिनका इस्तेमाल शादी-विवाह के मौके पर दुल्हन के लिए, किसी खास मौके पर पहनने के लिए और यहां तक कि दैनिक जीवन में या ऑफिस में पहनने के लिए किया जा सकता है. मलाबार ग्रुप के चेयरमैन एम पी अहमद ने कहा, “लंदन में अपने पहले शोरूम के साथ हमने एक साल पहले ही ब्रिटेन में अपने कारोबार की शुरुआत की थी. यह हमारे लिए बेहद गर्व की बात है कि हम इतने कम समय में लीसेस्टर में ब्रिटेन के अपने दूसरे शोरूम की शुरुआत कर रहे हैं, यह ग्राहकों का हमारे ब्रांड के प्रति विश्वास को दिखाता है.”
मलाबार गोल्ड एंड डायमंड्स के एमडी-इंटरनेशनल ऑपरेशन्स शामलाल अहमद ने कहा, “ब्रिटेन में भारतीय उपमहाद्वीप के लोगों की एक जीवंत कम्युनिटी है जो भारत के हाथ से बने गहनों की शिल्प को दिल से चाहते हैं. इससे प्रेरित होकर हमने लीसेस्टर में नए शोरूम की शुरुआत के साथ अपनी मौजूदगी बढ़ाई है. नए स्टोर की शुरुआत महज हमारी खुदरा उपस्थिति में ही बढ़ोत्तरी नहीं करता है बल्कि यह उत्कृष्टता (एक्सीलेंस), शिल्प कौशल (क्राफ्टमैनशिप) और अद्वितीय कस्टमर सर्विस के प्रति हमारी अटूट प्रतिबद्धता को भी दिखाता है. हमारे पास ब्रिटेन और यूरोपीय क्षेत्र में विस्तार की महत्वाकांक्षी योजनाएं हैं. इसके तहत लंदन में साउथॉल और वेम्बली के साथ-साथ बर्मिंघम और मैनचेस्टर में भी तत्काल उद्घाटन की योजनाएं शामिल हैं.”
मलाबार ग्रुप के वाइस चेयरमैन अब्दुल सलाम के.पी ने कहा, “हमारे कारोबार के प्रैक्टिस में उत्तरदायित्व और सस्टेनिबिलिटी पूरी तरह से समाहित हैं. इनमें एलबीएमए-सर्टिफाइड बुलियन से लेकर बिना किसी संघर्ष के हीरे सोर्स करने से लेकर ग्राहकों के लिए पूरी पारदर्शिता सुनिश्चित करना, उचित लेबर प्रैक्टिस अपनाना और ईएसजी पहलों के जरिए समाज में अपना योगदान करना शामिल है. मेक इन इंडिया और मार्केट टू वर्ल्ड पहल के तहत हम भारत के हस्तनिर्मित गहनों को दुनियाभर के लोगों तक पहुंचाने के लिए दृढ़-संकल्पित रहेंगे.”