श्रीनगर/पौड़ी (परमानन्द कुकरेती)। वैसे पहले से ही विवादों में रहे उद्यान विभाग अपने आप में चर्चा का विषय रहा है, चाहे कीवी प्रकरण हो एप्पल मिशन, पोली हाउस, औजार यंत्र खाद रसायन, पाइप, शीतकालीन पौधे, वर्षाकालीन पौधे हो या फिर अन्य यंत्र की खरीदारी हो, इन सब में निदेशक लेवल से और जिले लेबल में जिला उद्यान अधिकारी सभी उद्यान विभाग घोटाले में रहा है और इस घोटाले में चाहे वह निदेशक हो जॉइंट डायरेक्टर हो या फिर जिलों में रह रहे जिला उद्यान अधिकारी हो या मुख्य उद्यान अधिकारी या फॉर्म सभी लोग सम्मिलित हैं।
जो मिलकर के इस उद्यान विभाग की बगिया को उजाड़ने में लगे रहते हैं। ऐसा ही एक प्रकरण हमारे पास आया है, अभी तक उद्यान विभाग में 13 जनपदों में शीतकालीन अवधि के पौधे नहीं बांटे गए हैं और इसके पीछे भी कारण यह है कि उनको अभी तक पूरा तंत्र नहीं मिल पाया है। किस तरह से इन पौधों में अपना कमीशन को निकाला जाए, जनपदों के जिला उद्यान अधिकारियो से वार्ता की तो उन्होंने कहा कि अभी तक शासन से हमारे पास इस संबंध में ना तो कोई बजट आया है,
और ना ही कोई लेटर आया है। अब जब अवधि का समय पूर्ण रूप से समाप्त हो चुका है और अब तो बसंत ऋतु का भी आगमन होने वाला है, ऐसे में अब शीतकालीन पौधों का लागाना उचित नहीं है।अगर वह पौधे लग भी जाते है तो उन पौधों की जड़े अब जमीन में मिट्टी नहीं पकड़ पायेगी और विशेषकर ग्रामीण क्षेत्रों के लिए तो यह पौधे किसी काम के नहीं है। क्योंकि उनका जो समय है वह चला गया है। अब तो उन पौधों पर भी अंकुर आ चुके है, इसलिए वह एक किस्म से जड़ को नहीं पकड़ पाएंगे।
उद्यान विभाग जो की अपने में पहले से ही घोटाले में नंबर वन पर रहा है और इतने घोटाले होने के बाद भी वह आगे से भी और पौधों में भी अब घोटाले करने की मंशा बनाए हुए है। अगर यही स्थिति रही तो कैसे ग्रामीण क्षेत्र में स्वालंभी बन पाएंगे, ये भी एक चिंता का विषय है, उच्च अधिकारियों और माननीय मुख्यमंत्री जी से यही अपील है कि इस विभाग की और थोड़ा ध्यान दिया जाए और विभाग में चल रही अनियमितताओं पर प्रकाश डाला जाए, तभी गांवों के गरीब किसानों का कुछ भला हो पायेगा।