देहरादून: आम आदमी पार्टी के पूर्व प्रदेश महासचिव विशाल चौधरी ने अपने वक्तव्य मे कहा विगत दिनो पूर्व देहरादून नगर निगम मे एक अधिवक्ता द्वारा सूचना के अधिकार मे माँगी गई सूचना के आधार पर लगभग ₹80 करोड का घोटाला उजागर हुआ है। साक्ष्यों से प्राप्त जानकारी के अनुसार निगम क्षेत्र के 100 वार्डो मे पार्षदो द्वारा मौहल्ला स्वच्छता समिति के अंतर्गत 1021 सफाई कर्मचारीयो को दैनिक वेतन पर नियुक्त किया गया था, सूचना मे खुलासा हुआ कि वर्ष 2019 से विभिन्न वार्डो मे पार्षदो द्वारा नियुक्त पर्यावरण मित्रो को निगम के अभिलेखों मात्र मे दर्शा कर लगभग 7-8 कर्मचारीयों के वेतन को ऐसे कर्मियों के खातो मे डाला गया जो वार्ड मे कार्यरत ही नही है।
इसका सत्यापन निगम प्रशासन द्वारा किये गये भौतिक निरिक्षण मे हुआ, जिसमे पता चला कि निगम द्वारा जिन पर्यावरण मित्रो को पिछले पाँच वर्षो से प्रतिमाह पंद्रह हजार रू वेतन दिया जा रहा है वो लोग या तो एक ही परिवार के तीन सदस्य है या वह बिजनौर, मुजफ्फरनगर मे निवास करते है इसकी पुष्टी उनके पंजीकरण मे दिये कागजातो से हुई। चौधरी ने कहा भाजपा सरकार मे एक तरफ बेरोजगारी चरम पर है दूसरी ओर इनके शासन मे जनप्रतिनिधि व अधिकारीय मिलीभगत कर सफाई कर्मियों के अधिकारों का खुलेआम शोषण कर रहे है। प्रदेश मे पूर्व से ही सरकार के विरूद्व सफाई कर्मियों के संगठनो द्वारा ठेका प्रथा को समाप्त कर नियमितीकरण व मानको अनुसार सुविधाऐं देने की माँग को लेकर आंदोलन किये जा रहे है
जिस पर सरकार मौन रहकर एक वर्ग का उपहास उडाने पर तुली है। विडंबना यह है कि कोरोला काल मे जिन पर्यावरण मित्रों ने अपनी जान की बाजी लडाकर राष्ट्र के प्रति अपनी अतुलनीय आहुति दी थी आज भाजपा सरकार मे उनकी कोई सुनवाई नही की जा रही है। हम सरकार से माँग करते है तत्काल ही इस प्रत्यक्ष घोटाले की नियमानुसार उच्च स्तरीय जाँच कर घोटाले मे लिप्त सभी दोषियो पर सख्त कार्रवाई की जाऐं। यदि समय रहते सरकार भ्रष्टाचारीयों पर कोई गंभीर कार्रवाई नही करेगी, तो आम आदमी पार्टी इस विषय को लेकर सडको पर आंदोलन करने के लिऐ बाध्य होगी। जिसकी पूर्ण जिम्मेदारी शासन व प्रशासन की होगी।