देहरादून (एजेंसी)। उत्तराखंड में ट्रांसपोर्टरों की हड़ताल दूसरे दिन भी जारी रही। ‘हिट एंड रन’ के नए कानून के विरोध में ड्राइवरों ने मंगलवार को भी विरोध जारी रखा। ट्रांसपोर्टरों की हड़ताल के कारण यात्री दूसरे दिन भी यात्री परेशान रहे। रोडवेज की 30 फीसदी बसों के संचालन से थोड़ी बहुत राहत ही मिल पाई। निजी बसों का संचालन पूरी तरह ठप रहा।
टैक्सियां भी नहीं चल पाई। कुछ यात्री बस अड्डों तो कुछ सड़क किनारे इंतजार करते दिखे, लेकिन घंटों इंतजार के बाद भी बसें नहीं मिल पाई। ज्यादातर यात्रियों को बैरंग वापस लौटना पड़ा। दून शहर में हालांकि, हड़ताल का ज्यादा असर नहीं दिखा। यहां सभी रूटों पर सिटी बस, ऑटो, विक्रम, मैजिक और ई रिक्शा चलते दिखे। दोपहर बाद संख्या और बढ़ गई थी।
बसों के लिए भटकते रहे यात्री: आईएसबीटी- रोडवेज प्रबंधन ने सुबह से ही बसों का संचालन शुरू करवा दिया था। आरएम संचालन संजय गुप्ता सुबह ही आईएसबीटी पहुंच गए थे। लेकिन ज्यादातर ड्राइवर ड्यूटी पर नहीं। दिल्ली रूट पर ही ज्यादातर बसें भेजी गई। बाकी रूटों पर इक्का-दुक्का बसें ही चल पाई। हड़ताल के कारण रोडवेज 30 फीसदी बसों का संचालन ही करवा पाया। बस अड्डे पर यात्री बसों के लिए भटकते रहे। कोई मेरठ, मुजफ्फरनगर तो कोई चंडीगढ़ और कुमाऊं की बसों को लेकर पूछताछ करता दिखा। यहां से कई यात्रियों को जब बसें नहीं मिली तो बैरंग वापस लौटना पड़ा।
दरअसल, भारतीय न्याय संहिता 2023 में हुए संशोधन के बाद हिट एंड रन के मामलों में दोषी ड्राइवर को 10 साल तक कैद और 7 लाख रुपये तक जुर्माने का प्रावधान है।
कानून में क्या होगा बदलाव : हिट एंड रन मामले को आईपीसी की धारा 279 (लापरवाही से वाहन चलाना), 304ए (लापरवाही के कारण मौत) और 338 (जान जोखिम में डालना) के तहत केस दर्ज किया जाता है। इसमें दो साल की सजा का प्रावधान है। विशेष केस में आईपीसी की धारा 302 जोड़ दी जाती है। संशोधन के बाद सेक्शन 104(2)के तहत हिट एंड रन के बाद यदि आरोपी मौके से भाग जाता है। पुलिस या मजिस्ट्रेट को सूचित नहीं करता है, तो उसे 10वर्ष तक की सजा भुगतनी होगी और जुर्माना देना होगा।
प्रावधान वापस लेने की मांग: ऑल इंडिया मोटर ट्रांसपोर्ट कांग्रेस की परिवहन समिति के अध्यक्ष सीएल मुकाती ने कहा कि सरकार के कड़े प्रावधानों से चालकों में आक्रोश है और उनकी मांग है कि प्रावधानों को वापस लिया जाए। सरकार को हिट एंड रन के मामलों में अन्य देशों की तर्ज पर सख्त प्रावधान से पहले उनकी तरह बेहतर सड़क व परिवहन व्यवस्था सुनिश्चित करने पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए।
हिट एंड रन केस में सजा और जुर्माना बढ़ेगा
देहरादून आरटीओ शैलेश तिवारी ने बताया कि पहले किसी व्यक्ति को वाहन से टक्कर मारने वाले चालक को दो साल तक की सजा होती थी। लेकिन अब यदि चालक हादसे की जानकारी तत्काल सिटी मजिस्ट्रेट और पुलिस को दे देता है तो उसे पांच साल का कारावास होगा। यदि कोई व्यक्ति किसी को टक्कर मारकर मौके से भागता है तो उसे दस साल तक की सजा हो सकती है। इसके अलावा जुर्माना भी बढ़ेगा।
हिट एंड रन बिल के खिलाफ यात्री वाहनों का चक्का जाम
देहरादून। हिट एडं रन मामलों में सजा के सख्त प्रावधानों के खिलाफ नए साल के पहले राज्य में कई स्थानों पर परिवहन सेवाएं पूरी तरह बाधित रहीं। देहरादून, ऋषिकेश, हरिद्वार, रुड़की, टनकपुर, नैनीताल, हल्द्वानी में स्थानीय लोगों और पर्यटकों को काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ा। आंदोलनकारियों ने कई जगह वाहनों को जबरन रोक कर सवारियों को सड़कों पर ही उतार दिया। कुछ स्थानों पर टैक्सी-मैक्सी चालकों ने पर्यटकों से कई कई गुना किराया वसूलकर खूब चांदी काटी। वाहनों की हड़ताल पर अब फैसला तीन जनवरी को ऑल इंडियां मोटर ट्रांसपोर्ट कांग्रेस की दिल्ली में सरकार से होने वाली बैठक के बाद ही होने की उम्मीद है। कई स्थानों पर आंदोलनकारियों ने रिक्शे में बैठी यात्रियों को जबरन उतार दिया। जिससे उनमे आपस में नोक झोक भी होती दिखी।