नई दिल्ली : आचार्य चाणक्य की चाणक्य नीति (Chanakya Niti) में रिश्तों के बारे में भी विस्तार से बताया गया है. इसके अलवा पति, पत्नी, गुरु, राजा या समाज के अन्य व्यक्ति कैसे होने चाहिए, इसके बारे में भी चाणक्य नीति में बताया गया है.
चाणक्य नीति में एक श्लोक ‘बाहुवीर्यबलं राज्ञो ब्राह्मणो ब्रह्मविद् बली। रूप-यौवन-माधुर्यं स्त्रीणां बलमनुत्तमम्।।’ है, जिसमें स्त्री, ब्राह्मण और राजा की ताकत के बारे में बताया गया है. आइए इसके बारे में जानते हैं.
स्त्रियों की सबसे बड़ी ताकत
चाणक्य नीति के अनुसार, किसी भी महिला का सौंदर्य और मीठी वाणी उसकी सबसे बड़ी ताकत होती है. जिन स्त्रियों में ये दो गुण होते हैं उनकी ओर पुरुष जल्दी आकर्षित हो जाते हैं.
सुंदर और मीठा बोलने वाली महिलाएं किसी को भी अपने वश में कर सकती हैं. हालांकि, इन्हीं दो गुणों की वजह से उनको हर जगह सम्मान भी प्राप्त होता है और उनके परिवार का मान भी बढ़ता है.
ब्राह्मण की शक्ति क्या है?
आचार्य चाणक्य ने चाणक्य नीति में बताया है कि किसी ब्राह्मण की सबसे बड़ी शक्ति उसका ज्ञान होता है. समाज में ब्राह्मण को अपने ज्ञान के कारण की सम्मान मिलता है. जिस ब्राह्मण को जितना ज्यादा ज्ञान होता है, उसको उतना ही ज्यादा सम्मान मिलता है क्योंकि विपरीत परिस्थितियों में सब साथ छोड़ देते हैं लेकिन ज्ञान कभी भी साथ नहीं छोड़ता है, बल्कि उस परिस्थिति से निकलने में मदद करता है. ब्राह्मण के लिए ज्ञान ही उसकी जमा-पूंजी है.
राजा में ये गुण होना है जरूरी
चाणक्य नीति के अनुसार, किसी राजा की सबसे बड़ी ताकत उसका बाहुबल होता है. राजा के पास मंत्री-संत्री से लेकर सेनापति भी होता है, लेकिन अगर राजा कमजोर है तो वह शासन नहीं कर पाएगा. राज्य पर शासन करने के लिए राजा का ताकतवर होना जरूरी है. राजा शक्तिशाली होगा तो शासन करना उसके लिए आसान होगा.