चाणक्य सम्मान के चतुर्थ संस्करण का आयोजन सफलता पूर्वक सम्पन्न

देहरादून: नव-विहान ट्रस्ट तथा मिशन न्यू इंडिया के संयुक्त तत्वाधान में चाणक्य सम्मान के चतुर्थ संस्करण का आयोजन सफलता पूर्वक सम्पन्न हुआ। कार्यक्रम का आरंभ पारंपरिक मंत्रोच्चार के साथ दीप प्रज्ज्वलन करके आरंभ हुआ। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में निदेशक माध्यमिक शिक्षा उत्तराखंड, देहरादून लीलाधार व्यास तथा विशिष्ट अतिथि आशा पैन्यूली अपर निदेशक राज्य शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण (SCERT), प्रदीप कुमार रावत मुख्य शिक्षा अधिकारी, संदीप गुप्ता निदेशक दून डिफेंस एकेडमी, रानी अरोरा वाइस चेयरपर्सन साईं ग्रुप ऑफ इन्स्टीट्यूशन तथा पद्मश्री डॉ बी के एस संजय सिंह, रामकृष्ण मिशन के स्वामी महाराज स्व स्वरूपानंद जी, स्वामी शशिकांत आचार्य उपस्थित थे, जिन्होंने संगठन के राष्ट्रीय अध्यक्ष के साथ दीप प्रज्वलित भी किया।

तदुपरांत आशी, उन्नति द्वारा गणेश स्तुति तथा स्वागत भाषण से कार्यक्रम का औपचारिक आरंभ हुआ। इस अवसर पर नव-विहान द्वारा 8 शिक्षक चाणक्य सम्मान के लिए चयनित किए गए और मिनी शर्मा, वैशाली सिंह, पूनम गुरुंग, ममता सिंह, अनीता धीमान, डॉ अर्चना डिमरी, सुनीता सिंह, रूपाली वशिष्ठ चाणक्य सम्मान से सम्मानित हुए। अध्यक्ष डॉ ज्योति श्रीवास्तवा ने बताया कि चाणक्य सम्मान के लिए कुछ विशेष प्रक्रिया से गुजर कर, अनेक प्रश्नों का सामना करने के पश्चात ही शिक्षक चुने जाते हैं इसके अतिरिक्त इस सम्मान के अधिकारी वही होते हैं जो अपने व्यस्त कामकाजी दिनचर्या की बाद गरीब, असहाय बच्चों को निःशुल्क शिक्षा प्रदान कर उनके जीवन को सँवारने, समाज में शिक्षित-सम्मानित नागरिक बनाने का कार्य करते हैं।

डॉ ज्योति ने बताया कि इसके पीछे का उद्देश्य और संदेश यह है कि यदि प्रत्येक शिक्षक एक वंचित बच्चे की शिक्षा का भार लेता है तो देश की साक्षरता दर में बड़ा परिवर्तन आ सकता है और राष्ट्र निर्माण में यह एक महत्वपूर्ण योगदान साबित हो सकता है। कार्यक्रम में उपस्थित पूर्व राज्यमंत्री राजकुमार पुरोहित तथा राष्ट्रीय अध्यक्ष रवि भाई चाणक्य ने कहा यह भारत को विश्वगुरु बनाने की तरफ महत्वपूर्ण कदम और यह सोच मील का पत्थर बन सकता है। राम कृष्ण मिशन के स्वामी महाराज स्व स्वरूपानंद जी ने कहा कि ऐसे शिक्षकों की खोज एक महत्वपूर्ण प्रयास है तथा ऐसे शिक्षकों का अभिनंदन ही नहीं अपितु धन्यवाद ज्ञापित करना चाहिए। मुख्य अतिथि व्यास तथा विशिष्ट अतिथि आशा पैन्यूली ने नव-विहान तथा मिशन न्यू इंडिया के इस आयोजन के लिए भूरी-भूरी सराहना की तथा प्रदीप रावत ने इस अभियान में आवश्यकतानुसार हर संभव सहायता करने की भी बात की।

मिशन न्यू इंडिया की वरिष्ठ उपाध्यक्ष गीता श्रीवास्तव ने बताया कि चाणक्य सम्मान देने का एक मुख्य उद्देश्य है कि देश का निर्माण करने वाले शिक्षकों का भी सम्मान हो। इनके कार्य को भी सराहना मिले। कार्यक्रम में दूर-दूर से आकर भी मिशन न्यू इंडिया और नव-विहान के पदाधिकारी राष्ट्रीय महामंत्री दिलीप सिंह तथा सूरज ब्रहमे, नव विहान के काशी उप-संयोजक रोशन कुमार ने कार्यक्रम की गरिमा बढाई। राष्ट्रीय चिकित्सा मंच की राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ आरती रौथान, मिशन न्यू इंडिया की प्रदेश महामंत्री शशि बरोनिया, महामंत्री संगठन कल्पना सैनी, महानगर अध्यक्ष मोहिनी वर्मा, महानगर अध्यक्ष मुख्य शाखा रवि वर्मा, वरिष्ठ सदस्य सिरोही, ऋषिकेश से उपस्थित विपिन, निखिल, अपूर्वा आदि की उपस्थिति के बीच उपाध्यक्ष शोभा पाराशर का मंच संचालन अति उत्तम रहा।

कार्यक्रम में जहाँ साईं इस्टीट्यूट के छात्रों द्वारा नशा मुक्ति अभियान विषय पर हुई प्रस्तुति ने लोगों को चिन्तामग्न कर दिया वहीं नवरात्रि के अवसर को ध्यान में रखते हुए गुरु प्रतिभा श्रीवास्तव के शिष्यों ने दुर्गा स्तुति से कार्यक्रम में भक्तिपूर्ण आनंद भर दिया। इतना ही नहीं कल्पना सैनी के धन्यवाद भाषण के उपरांत सस्वर हनुमान चालीसा तथा जय श्री राम के उद्घोष से गुंजायमान सभा अलौकिक अद्भुत आनंद से भर उठी।

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