देहरादून। आज प्रेस क्लब में पहाड़ अगेंस्ट करप्शन ट्रस्ट द्वारा एक प्रेस वार्ता का आयोजन किया गया प्रेस वार्ता का संबोधन पहाड़ अगेंस्ट करप्शन के संस्थापक एवं अध्यक्ष रविंद्र सिंह आनंद ने किया। रविंद्र आनंद ने कहा कि उत्तराखंड मे चारों ओर भ्रष्टाचार व्याप्त है जो कि विकास में बाधक है उन्होंने कहा कि लोगों को सरकारी विभागों के चक्कर काटने पड़ते हैं फिर भी उनके काम नहीं होते क्योंकि अधिकतर सरकारी कर्मचारी अपना काम ठीक ढंग से नहीं करते और फाइलों को लटकाने का काम करते हैं जिससे विभागों में भ्रष्टाचार अपनी जड़े मजबूत कर चुका है
जिससे उत्तराखंड का भला होने वाला नहीं है इसलिए काफी समय से एक ऐसे संगठन संस्था की आवश्यकता थी जो भ्रष्टाचार के विरुद्ध लड़ाई लड़ सके क्योंकि सभी दल आखंड तक भ्रष्टाचार में डूबे हुए हैं। पहाड़ अगेंस्ट करप्शन ट्रस्ट क्योंकि एक गैर राजनीतिक ट्रस्ट है इसलिए लोग इस पर विश्वास कर सकते हैं। उन्होंने आगे कहा कि पहाड़ अगेंस्ट करप्शन का मुख्य उद्देश्य उत्तराखंड से भ्रष्टाचार का समूल नाश करना है उन्होंने कहा रिश्वतखोरी, भ्रष्टाचार, गबन और घोटालों पर रोक लगाना ही पीएसी का मुख्य उद्देश्य है।
उन्होंने आगे कहा अभी पी ए सी की कोर कमेटी बनाई गई है आगे आने वाले दिनों में इसमें लोगों को जोड़ा जाएगा और आरटीआई का एक पैनल तैयार किया जाएगा जिससे सभी विभागों में फैले भ्रष्टाचार पर रोक लगाई जा सके उन्होंने कहा पीएसी जल्द ही सदस्यता अभियान भी चलाएगी उन्होंने कहा कि उन्हें प्रदेश में 100 ऐसे लोगों की तलाश है जो पहाड़ अगेंस्ट करप्शन के साथ जुड़कर भ्रष्टाचार पर नकेल कसने का काम कर सकें। उन्होंने कहा पीएसी एक दिन उत्तराखंड में क्रांति लायेगी क्योंकि रिश्वतखोर घोटालेबाजों पर पी ए सी की पैनी नजर रहेगी।
इस दौरान समाजसेवी अरुण शर्मा ने कहा कि भ्रष्टाचार के विरुद्ध सभी संस्थाएं एकजुट होकर के पीएसी का साथ देगी क्योंकि भ्रष्टाचार एक अभिशाप है और इसके लिए बहुत काम करने की अवश्यकता हैं। इस मौके पर समाजसेवी मुकुल शर्मा ने भ्रस्टाचार पर गहरी चिंता व्यक्त की और सभी संस्थाओं को इसमें सहयोग करने की अपील की भ्रष्टाचार की लड़ाई मे हम सब एकजुट होकर उत्तराखंड की भलाई के लिए कार्य करेंगे उन्होंने रविंद्र आनंद की सोच पहाड़ अगेंस्ट करप्शन की तारीफ भी की। इस मौके पर रिहाना परवीन एवं अन्य लोगों ने भी अपने विचार व्यक्त किये।. इस दौरान वहां कई अन्य लोग भी मौजूद थे।