देहरादून: भवनों के इलेक्ट्रिकल और डिजिटल आधारभूत ढाँचे में विश्व की एक प्रमुख कंपनी, ग्रुप लग्रों इंडिया ने आई.टी.आई. निरंजनपुर, देहरादून में अत्याधुनिक इलेक्ट्रिकल प्रशिक्षण के लिए अपने पहले उत्कृष्टता केंद्र का गौरवपूर्ण उद्घाटन किया। यह पहल छात्रों को कौशल प्रदान करने और तेज़ी से विकसित हो रहे इलेक्ट्रिकल उद्योग में उनकी रोज़गार की संभावनाओं को बढ़ाने के लिए लग्रों की प्रतिबद्धता को प्रदर्शित करती है।
इस कार्यक्रम का उद्घाटन ग्रुप लग्रों इंडिया की वी.पी. – सी.एस.आर. और सस्टेनेबिलिटी, आबिदा अनीज़; लग्रों इंडिया के डायरेक्टर – सेल्स, समीर कक्कड़; उत्तराखंड के कौशल विकास और प्रशिक्षण के उपनिदेशक, पंकज कुमार; देहरादून के राजकीय आई.टी.आई. (बालक) के प्रिंसिपल मनमोहन कुडियाल और राजकीय आई.टी.आई. (बालिका) के प्रिंसिपल दिनकर रौतेला ने किया।
इस उत्कृष्टता केंद्र को विद्युत प्रणालियों में उद्योग से सम्बंधित प्रशिक्षण प्रदान करने के लिए तैयार किया गया है। नवीनतम उपकरणों एवं आधारभूत ढाँचे से युक्त, यह सुविधा छात्रों को व्यावहारिक अनुभव और आज के विद्युत और बिजली प्रबंधन के क्षेत्रों की माँगों को पूरा करने के लिए आवश्यक तकनीकी कौशल प्रदान करती है।
इस केंद्र का उद्देश्य कक्षा में शिक्षा प्राप्त करने और व्यावहारिक दुनिया के अनुप्रयोगों के बीच के अंतर को मिटाकर यह सुनिश्चित करना कि विद्यार्थी कार्यबल का हिस्सा बनने के लिए पूरी तरह से तैयार हो। इस पहले इलेक्ट्रिकल सेंटर ऑफ एक्सीलेंस के बारे में बोलते हुए, टोनी बर्लैंड, मुख्य कार्यकारी अधिकारी एवं प्रबंध निदेशक, ग्रुप लग्रों इंडिया ने कहा, “ग्रुप लग्रों इंडिया सामुदायिक उत्थान में सक्रियता से योगदान दे रहा है,
जिसमें कौशलों का विकास हमारे ध्यान दिए जाने वाले प्रमुख क्षेत्रों में से एक है। यह पहल एक कुशल कार्यबल तैयार करने के लिए इलेक्ट्रिकल उद्योग में हमारी व्यापक विशेषज्ञता के माध्यम से समाज की सेवा करने की हमारी प्रतिबद्धता को तटस्थ बनाती है। अत्याधुनिक प्रशिक्षण प्रदान करके, हम न केवल इन छात्रों की रोज़गार की क्षमता को बढ़ा रहे हैं, बल्कि भारत के इलेक्ट्रिकल आधारभूत ढाँचे के विकास और आधुनिकीकरण में भी योगदान दे रहे हैं।”
यह उत्कृष्टता केंद्र, देश भर में प्रशिक्षण सुविधाओं का एक नेटवर्क बनाने की लग्रों की योजनाओं का एक प्रमुख हिस्सा है, जिसका उद्देश्य छात्रों के कौशलों को विकसित करना और उन्हें इलेक्ट्रिकल और पावर मैनेजमेंट के उद्योगों में सार्थक रोज़गार प्राप्त करने में सक्षम बनाना और अंततः शिक्षा और सशक्तिकरण के माध्यम से जीवन को और भी बेहतर बनाना है।