निखिल नौटियाल ने सेब की सघन बागवानी शुरुकर की मिसाल पेश

उत्तरकाशी: लहरों से डरकर नौका पार नहीं होती कोशिश करने वालों की कभी हार नहीं होती,, यह वाक्य निखिल नौटियाल पर फिट बैठता है,आपको बता दें कि मात्र चार वर्ष पूर्व इनके द्वारा उत्तरकाशी जनपद के विकासखण्ड नौगाव के अंतर्गत सुदूरवर्ती गाँव लोदन में सेब की सघन बागवानी लगाकर खेती में एक नई मिसाल पेश करते हुए बागवानों को नई राह दिखाई है। पंद्रह सौ सेब के पेडों की सघन बागवानी से शुरुआत कर जैविक खाद से पोषण देने के साथ अच्छे से देखभाल की, इतने कम समय के अंतराल में सेब के पौधे फलों से इस तरह लद गए हैं जिन्हें देखकर मन बहुत प्रसन्न हो जाता है।

सघन बागवानी कर बागवानो को अनेक फायदे होते हैं जिसमें पौधों का आकार छोटा होने के कारण पौधों की कटाई, छंटाई, तुड़ाई के साथ साथ-साथ स्प्रे आदि करना भी आसान हो जाता है जिससे कि फल उत्पादन का खर्चा भी घट जाता हैं। पौधों का आकार छोटे होने के कारण सूर्य की किरणें पौधें की गहराई तक जाती हैं जिससे की अधिकतम प्रकाश संश्लेषण होता है जोकि फलों की गुणवता को बढ़ाता हैं। जब हमारे देवपथ के संवाददाता रोबिन वर्मा ग्राउंड जीरो पर बागवानी का जायजा लेने पहुंचे तो निखिल नौटियाल ने बताया कि क्षेत्र का यह पहला सेब का बगीचा है जो रूट स्टॉक पर लगा था, लोदन गांव सहित आसपास के गांवों में अब धीरे-धीरे अनेक बगीचे लग रहे हैं।

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