हरिद्वार। भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण, एनएचएआई के अधिकारियों की मनमानी कहे या लापरवाही श्री ध्रुव चैरिटेबल ट्रस्ट हॉस्पिटल पर भारी पड़ रही है। हास्पिटल प्रबंधन का आरोप है कि राजमार्ग निर्माण के दौरान उन्होंने बरसात के दौरान नील पर्वत की ओर से भारी मात्रा में पानी का बहाव हास्पिटल एवं आसपास के गांवों से होकर बहता है। इससे भारी क्षति उठानी पड़ रही है।
इसको रोकने के लिए उन्होंने एनएचएआई के अधिकारियों से करीब 300 मीटर का नाला बनाकर बारिश के पानी का बहाव पीली नदी से जोड़ने की मांग की थी। उन्होंने वन विभाग, जिला प्रशासन एवं उत्तराखंड सरकार से भी गुहार लगाई। लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई। एनएचआईए का कार्य भी पूरा होता जा रहा है। लेकिन नाले के निर्माण को ई आसार नजर नहीं आ रहा है।
ऐसे में हास्पिटल सहित आस-पास के गांवों में बाढ़ का खतरा बना हुआ है। बड़ा सवाल है कि बारिश से नुकसान की भरपाई कौन करेगा। बाबा देवदास महाराज ने बताया कि हाल ही में हुई तेज बारिश के चलते अस्पताल को लाखों रुपए का नुकसान झेलना पड़ा है। जिसमें बारिश के पानी के तैज बहाव में हास्पिटल की दीवार टूट गई।
हास्पिटल के कक्षों में पानी भरने से एक्स-रे, अल्ट्रासाउंड, सहित अन्य उपकरण खराब हो गये। कुंतलों गेहूं, चावल, दाल गौशाला का चारा, भवन निर्माण की सामग्रीखराब हो गया। इस नुकसान की भरपाई के लिए उन्होंने शासन -प्रशासन और आपदा मंत्री से भी गुहार लगाई। लेकिन कोई सुनवाई नहीं हो रही है। इतना सब होने के बाद भी नाले का निर्माण नहीं कराया जा रहा है।
ऐसे में तेज बारिश होने पर किसी बड़ी दुर्घटना से इंकार नहीं किया जा सकता। बाबा देवदास ने कहा कि जल्द ही समस्या का समाधान नहीं होने पर वह कोर्ट का दरवाजा खटखटाना के लिए भी मजबूर हैं। भारतीय मजदूर किसान उत्थान के साथ धरना प्रदर्शन भी किया जायेगा।