देहरादून: भारत में सार्वजनिक क्षेत्र के अग्रणी बैंकों में से एक, बैंक ऑफ़ बड़ौदा (बैंक) ने आज अपना 117वाँ स्थापना दिवस मनाया। बैंक के 117वें वर्ष की थीम “विश्वास के साथ, बेहतर कल की बात” है जो एक शताब्दी से भी अधिक समय से अपने ग्राहकों के विश्वास की आधारशिला पर निर्मित एक विश्वस्तरीय वित्तीय सेवा संस्थान बनने के बैंक के उद्देश्य को दर्शाता है। इस अवसर पर, बैंक ने ग्राहकों के लिए भुगतान और बैंकिंग अनुभव को और बेहतर बनाने के उद्देश्य से डिजिटल और आईटी-आधारित पहलों की एक श्रृंखला शुरू की।
बैंक ऑफ़ बड़ौदा कई सामाजिक कार्यों जैसे कि केरल स्थित आदिवासी समुदाय थंपू की कार्थुम्बी छतरियों को प्रोत्साहन और कुष्ठ रोग के लिए एकवर्थ म्यूनिसिपल हॉस्पिटल के साथ जुड़कर कार्य करने जैसी गतिविधियों को भी आगे बढ़ा रहा है। बैंक देश भर में एक वृहद पौधारोपण अभियान “बॉब अर्थ-ग्रीन ड्राइव” भी चला रहा है, जिसका लक्ष्य 117,000 फलदार पेड़ लगाना है। इसके अलावा, बैंक के विभिन्न कार्यालयों द्वारा देश भर में रक्तदान अभियान, साइक्लोथॉन, वॉकथॉन आदि जैसी कई अन्य गतिविधियां भी आयोजित की जा रही हैं।
बैंक ऑफ़ बड़ौदा के प्रबंध निदेशक एवं मुख्य कार्यपालक अधिकारी, श्री देबदत्त चांद ने कहा, “आज एक अत्यधिक विशेष अवसर है कि हम बैंक ऑफ़ बड़ौदा का 117वाँ स्थापना दिवस मना रहे हैं। यह एक उपयुक्त अवसर है कि हम भविष्य के बैंक के निर्माण के लिए उत्तरदायित्वपूर्ण, संवहनीय और सत्य निष्ठा युक्त दृष्टिकोण के साथ आगे आएं एवं अपनी प्रतिबद्धता को एक नव स्वरूप प्रदान करें। मैं अपने ग्राहकों और अन्य सभी हितधारकों को उनके निरंतर सहयोग और हम पर किए गए विश्वास के लिए आभार व्यक्त करना चाहता हूँ और हम उनके साथ एक सुदीर्घ साझेदारी की आशा करते हैं।
मैं सभी बड़ौदियन- पूर्व के एवं वर्तमान के दोनों को भी धन्यवाद देना चाहता हूँ, जिन्होंने बैंक ऑफ़ बड़ौदा के विकास और सफलता में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।” श्री चांद ने आगे कहा, “बैंक के 117वें स्थापना दिवस पर, हमें खुशी है कि हम रिटेल, कृषि और कॉर्पोरेट बैंकिंग ग्राहकों के लिए सभी क्षेत्रों में कई व्यापक पहलें और सेवाएं शुरू कर रहे हैं जो हमारे ग्राहकों को लाभ प्रदान करने हेतु प्रतिबद्ध हैं। इस अवसर को और भी विशेष बनाने के लिए बैंक सामाजिक और पर्यावरणीय योगदान भी कर रहा है।”