देहरादून। राष्ट्रवादी रीजनल पार्टी के एक दिवसीय प्रशिक्षण सत्र में तमाम कार्यकर्ताओं ने उत्तराखंड के खस समुदाय को जनजाति का दर्जा दिलाई जाने के लिए निर्णायक संघर्ष करने का संकल्प लिया।प्रशिक्षण सत्र में मुख्य वक्ता के तौर पर उत्तराखंड एकता मंच के अध्यक्ष अनुप बिष्ट और निशांत रौथान ने कहा कि जनजातीय दर्जा दिलाए जाने के लिए राजनीतिक दल के रूप में सबसे पहले राष्ट्रवादी रीजनल पार्टी ने अपनी भूमिका निभाई है, इसलिए उत्तराखंड एकता मंच राष्ट्रवादी रीजनल पार्टी को इस मुद्दे पर अपना समर्थन देता है।
निशांत रौथान ने कहा कि यदि उत्तराखंड के पर्वतीय समुदाय को जनजाति का दर्जा नहीं मिला तो एक दिन गढ़वाली और कुमाऊनी समुदाय की पहचान खतम हो जायेगी। इस अवसर पर राष्ट्रवादी रीजनल पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष शिवप्रसाद सेमवाल ने कहा कि इसके लिए राजनीतिक और सामाजिक दोनो स्तरों पर जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। आरआरपी की प्रदेश संगठन सचिव सुलोचना ईष्टवाल ने बताया कि जल्द ही जिला स्तर पर भी इसके लिए कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। कार्यक्रम की अध्यक्षता राजेंद्र पंत ने की।
प्रशिक्षण शिविर मे राष्ट्रीय उपाध्यक्ष संजय डोभाल, विनोद कोठियाल, प्रमोद डोभाल, बलवीर नेगी, गुलाब सिंह रावत, उमा खंडूड़ी, भगवती नौटियाल दयाराम मनोड़ी, सुशीला पटवाल, शांति रावत,रेनू नवानी, रामेश्वरी नेगी, लता रावत, पिंकी मिश्रा, भागीरथी देवी, रामेश्वरी रौतेला, सीमा नेगी, द्रौपदी रावत, संगीता देवी, उषा बिष्ट, चांदनी रावत, प्रीति देवी, उषा देवी, रिंकी बिष्ट, आशा देवी, सुनीता, मीना जोशी इंदू नेगी, खुशहाली देवी, चंदा राणा, संगीता राणा, नीलम चौधरी, यशोदा नेगी आदि तमाम कार्यकर्ता शामिल थे।