चमोली (प्रदीप लखेड़ा): ज्योतिर्मठ के शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद महाराज शुक्रवार को चमोली मंगलम यात्रा के तहत पिण्डर घाटी के मां काली मंदिर कुलसारी होते हुए बद्रीनारायण संस्कृत विद्यालय रायकोली पहुंचे। जहां पर स्थानीय लोगों ने उनका स्वागत किया। इस अवसर पर उन्होंने चमोली जिले में अपने भ्रमण का उद्देश्य बताते हुए कहा कि वे जन चेतना और प्रदेशवासियों की सुख शांति की कामना के साथ 108 मन्दिरों के दर्शन कर आम नागरिक तक पहुंचने का प्रयास कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि उनकी यह यात्रा धार्मिक दृष्टि से भी महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि चमोली का नाम शास्त्रों के अनुसार चंद्रमोली है, जो भगवान का साक्षात स्वरूप है इसलिए उन्होंने निर्णय लिया कि विश्व के कल्याण की बात पहले भगवान विष्णु की धरती चमोली से की जाए। उन्होंने कहा कि उनका कार्यक्रम एक तरह से एक सर्वेक्षण है। वे जानना चाहते हैं कि जनपद चमोली के लोग क्या चाहते हैं, ऐसा कौन सा काम किया जाए जिसके लिए वे अपने मंगल की कामना करते हैं। क्या करने से उनका मंगल हो गया है।
उन्होंने कहा कि पहले जनपद चमोली का मंगल करना है। इसके लिए लोगों की राय लेने का काम किया जा रहा है। चमोली मंगलम यात्रा में संत ब्रह्मचारी मुकुदानंद, पूर्व धर्माधिकारी जगदंबा सती, अपर धर्माधिकारी कुशला नंद बहुगुणा, डिमरी धार्मिक केंद्रीय पंचायत के अध्यक्ष आशुतोष डिमरी, अखिलेश डिमरी, प्रवीण नोटियाल, अभिषेक बहुगुणा आदि चल रहे हैं।