गौचर / चमोली (ललिता प्रसाद लखेड़ा): चमोली मंगलम यात्रा पर निकले ज्योतिर्मठ के शंकराचार्य अविमूक्तेश्वरानंद सरस्वती महाराज ने राजराजेश्वरी चंडिका देवी मंदिर सिमली पहुंच कर चंडिका मंदिर में पूजा अर्चना कर विश्व कल्याण की मनौती मांगी । इससे पूर्व ज्योतिषपीठ के शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती का सिमली पहुंचने पर लोगों ने पुष्प वर्षा के साथ भव्य स्वागत किया।राजराजेश्वरी चंडिका मंदिर सिमली में पूजा अर्चना के पश्चात् स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद महाराज ने चंडिका मंदिर के दर्शनों को फिर आने का आश्वासन दिया ।
इस मौके पर राज राजेश्वरी चंडिका देवी मंदिर के पुजारी प्रदिप गैरोला ने चंडिका मंदिर की महिमा का वर्णन करते हुऐ 07 सितम्बर से चौदह वर्षो बाद होने वाली भ्रमण यात्रा में शामिल होने का निमन्त्रण भी शंकराचार्य अविमूक्तेश्वरानंद सरस्वती महाराज को दिया है। ज्योतिर्मठ के प्रभारी मुकुंदानंद महाराज ने बताया कि चंडिका देवी की पूजा अर्चना के पश्चात् शंकराचार्य रात्रि प्रवास वांण के लाटु मंदिर में प्रवास करेंगे।
तथा 29 को नारायणबगड़, 30को गैरसैंण और 1जुलाई को नौटि तथा 2जुलाई को हरिद्वार के लिए शंकराचार्य के नेतृत्व में मंगलम यात्रा प्रस्थान करेगी ।शंकराचार्य अविमूक्तेश्वरानंद सरस्वती महाराज का सिमली पहुंचने पर चंडिका मंदिर समिति सिमली के अध्यक्ष हेमंत टकोला, राजेन्द्र प्रसाद डिमरी,भवानी सिंह, प्रणवेन्द्र प्रसाद, सतीश चन्द्र, रविमोहन खंडूरी, नरेश डिमरी, आलोक नौटियाल आदि मौजूद थे। चमोली मंगलम यात्रा में शंकराचार्य अविमूक्तेश्वरानंद सरस्वती महाराज के सांथ ब्रह्मचारी मुकुदानंद पूर्व धर्माधिकारी जगदम्बा सती डिमरी धार्मिक केन्द्रीय पंचायत के अध्यक्ष आशुतोष डिमरी, अखिलेश डिमरी आदि हैं।