देहरादून। विश्व के उच्चतम होटल में रहा देहरादून के श्री राम इंस्टिट्यूट ऑफ़ होटल मैनेजमेंट का दबदबा, संस्था के प्रिंसिपल ने बताया कि यह उत्तराखंड राज्य का एकमात्र ऐसा संस्थान है जहां से 4 वर्षीय बैचलर इन होटल मैनेजमेंट व एक वर्षीय डिप्लोमा इन होटल मैनेजमेंट में इतना अच्छा प्लेसमेंट हुआ है। उन्होंने बताया कि उत्तराखंड में पर्यटन और होटल इंडस्ट्री में अपार संभावनाएं हैं जिस कारण यहां से प्रशिक्षित छात्रों को स्थानीय रोजगार और स्वरोजगार के भी मौके मिलते हैं, उन्होंने कहा कि देश-विदेश में होटल इंडस्ट्री में भी राज्य के लोग ऊंचे पदों पर हैं वहीं कई देशों में यहां के लोग खुद के होटल आदि चलाकर राज्य के साथ-साथ देश का भी नाम रोशन कर रहे हैं।
उन्होंने बताया कि यहां से 4 वर्षीय बीएचएम व एक वर्षीय डिप्लोमा करने के बाद ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड, कनाडा एवं दुबई के फाइव स्टार होटलों में प्लेसमेंट की सुविधा दी जाती है। इसके अलावा देश में ताज लेक पैलेस, होटल ताज रामबाग पैलेस जयपुर, ओबरॉय, आईएचजी समूह, ललित, आईटीसी, हयात, मैरियट, द लोधी जैसे पांच सितारा होटलों में भी प्लेसमेंट मिला है। श्री राम इंस्टिट्यूट ऑफ़ होटल मैनेजमेंट में बैचलर सहित अन्य कोर्सों के लिए दाखिले शुरू हो गए हैं जिसके लिए छात्र रजिस्ट्रेशन करवा सकते हैं। यह जानकारी संस्था के प्रिंसिपल ने दी, उन्होंने बताया कि पिछले बैच में अब तक राज्य के 400 से अधिक छात्र-छात्राओं का चयन कैंपस प्लेसमेंट के जरिए दुनिया के कई बड़े फाइव स्टार होटलों में हुआ है।
प्रिंसिपल के अनुसार संस्था में एक वर्षीय सर्टिफिकेट प्रोग्राम, बारटेंडिंग कोर्स में डिप्लोमा, होटल प्रबंधन में डिप्लोमा, बेकरी में डिप्लोमा, होटल प्रबंधन और खानपान प्रौद्योगिकी में डिप्लोमा के साथ-साथ बीए, बीएससी एग्रीकल्चर, बीकॉम, मास्टर ऑफ होटल मैनेजमेंट जैसे प्रोग्राम छात्र छात्राओं के लिए चलाए जा रहे हैं। श्री राम इंस्टिट्यूट ऑफ़ होटल मैनेजमेंट में अंतरराष्ट्रीय स्तर के फैकल्टी को नियुक्त किया गया है जो कि अपने पाककला एवं होटल इंडस्ट्री के नए नए इनोवेशन को छात्र-छात्राओं के बीच में रखते हैं तथा उन्हें अंतरराष्ट्रीय स्तर पर हो रहे डेवलपमेंट के बारे में निरंतर बताते रहते हैं।
श्रीराम संस्थान की कक्षाएँ पूरी तरह से वातानुकूलित हैं, जिससे एक आरामदायक अध्ययन वातावरण मिलता है।संस्था सामाजिक योगदान में भी पीछे नहीं है समय-समय पर उत्तराखंड में आए आपदाओं के बीच में संस्था पहाड़ के सुदूर क्षेत्रों में लोगों के लिए रोजगार मुहैया कराया है एवं आपदा ग्रस्त क्षेत्र से आए हुए बच्चों के लिए एक विशेष स्कॉलरशिप के तहत उन बच्चों को उच्च शिक्षा दी गई है।